अणुव्रत पर फिर ममता ने जताया भरोसा

बने रहेंगे बीरभूम तृणमूल अध्यक्ष

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कोलकाताः गौ तस्करी मामले के आरोपियों में से एक अणुव्रत मंडल को बीरभूम के जिलाध्यक्ष पद से नहीं हटाया गया है। वह टीएमसी के बीरभूम अध्यक्ष बने रहेंगे। उनकी अनुपस्थिति में कोर कमेटी और सभी पार्टी नेता मिलकर काम करेंगे।

शुक्रवार को ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास में बीरभूम को लेकर सीएम ने एक बैठक की। इस बैठक में बीरभूम जिले के कई नेता मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक यह फैसला उसी बैठक में लिया गया। हालांकि, अणुव्रत मंडल की अनुपस्थिति में तृणमूल सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी जिला संगठन की देखरेख करेंगी।

इसके अलावा बीरभूम के लिए 9 लोगों की एक कोर कमेटी भी होगी। उस कमेटी में मलय घटक, फिरहाद हकीम सहित कई नेता शामिल हैं। यह कोर कमेटी जिला में प्रत्येक सप्ताह बैठक करेगी।

अणुव्रत मंडल लंबे समय तक आसनसोल जेल में कैद रहे, फिर भी उन्हें अध्यक्ष पद से नहीं हटाया गया। तृणमूल के इस नेता को न केवल अध्यक्ष, बल्कि बीरभूम के नेता के रूप में भी जाना जाता है। उसे पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया और फिर बाद में ईडी।

अभी वह तिहाड़ जेल में बंद है। शुक्रवार को कालीघाट में हुई बैठक को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि अणुव्रत की बीरभूम से छुट्टी हो जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों की नजर थी कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं।

हालांकि इस फैसले से साफ है कि जेल में भी दिन-रात बिता रहे अणुव्रत मंडल पर सीएम का भरोसा इतना कम नहीं हुआ है। इससे पहले भी ममता बनर्जी ने कहा था कि वह खुद बीरभूम के संगठन को देखेंगी।