कोलकाता, सूत्रकार : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के उस दावे पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में एक सप्ताह के भीतर नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर दिया जाएगा।
ममता ने भारतीय जनता पार्टी पर इस मुद्दे पर ‘राजनीतिक हंगामा’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार पहले ही बंगाल में शरणार्थियों को नागरिकता दे चुकी है। सोमवार को कूचबिहार जिले में आयोजित एक प्रशासनिक बैठक के दौरान बनर्जी ने कहा कि शरणार्थी शिविरों के निवासियों को नागरिक माना जाता है और वे सभी आवश्यक सरकारी लाभ प्राप्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि जिन्होंने (शांतनु ठाकुर) एनआरसी के खिलाफ लड़ाई लड़ी। अब वे सीएए-सीएए चिल्ला रहे हैं। ये राजनीति है। हमने सभी को नागरिकता दी है। उन्हें राशन मिलता है, वे स्कूल जाते हैं, छात्रवृत्ति, शिक्षाश्री और हर योजना मिलती है, ठीक इसलिए क्योंकि वे नागरिक हैं।
एनआरसी के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने प्रवासी मजदूरों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि उनके नाम मतदाता सूची में हों। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले कूचबिहार के लोगों को बीएसएफ से पहचान पत्र स्वीकार नहीं करने की चेतावनी देते हुए आरोप लगाया कि इससे वे एनआरसी के दायरे में आ सकते हैं।
ममता बनर्जी ने बीएसएफ पर निकाली भड़ास
ममता बनर्जी ने कथित अत्याचारों (खासकर सीतलकुची की घटना, जहां कथित तौर पर चार युवकों की हत्या कर दी गई थी) के लिए बीएसएफ की आलोचना की और अपने प्रशासन को निर्देश दिया कि अगर हिंसा की कोई और घटना होती है तो इस केंद्रीय बल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। कूचबिहार में स्वयं सहायता समूहों को संबोधित करते हुए उन्होंने उनसे तृणमूल कांग्रेस के लिए समर्थन जारी रखने की अपील की और कहा कि उनकी सरकार आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है।
उत्तर बंगाल के लिए 500 करोड़ रुपये की 198 परियोजनाओं की घोषणा करते हुए, उन्होंने केंद्र पर ग्रामीण सड़कों के लिए धन रोकने और ओबीसी के लिए छात्रवृत्ति बंद करने का आरोप लगाया।
ममता बनर्जी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने हिंसा भड़काई है, जिसमें मणिपुर में 200 चर्चों को जलाना और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार शामिल हैं। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं करने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की।
टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि वह केंद्र की सनक के आगे घुटने नहीं टेकेंगी। उन्होंने कहा कि वे कहते हैं कि वे जो भी आदेश देंगे हमें उसका पालन करना होगा। वे जिसको भगवान मानते हैं उसे हमें भी भगवान मनना होगा। मैं ऐसा नहीं करूंगी। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठता के दिन ममता बनर्जी ने कोलकाता में एक सद्भावना रैली निकाली थीं। सोमवार को उन्होंने कूचबिहार की प्रशासनिक बैठक में बिना नाम लिए बीजेपी पर धार्मिक मुद्दे थोपने का आरोप लगाया। ममता ने कहा कि वे जो कुछ भी थोपते हैं, वह भगवान के समान है। मैंने कोई विरोध नहीं किया। मैंने कहा है कि धर्म सभी का है, त्योहार सभी का है।
उधर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सीएए को लेकर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के बयान पर कहा कि यह चुनावी जुमला के अलावा कुछ नहीं है। अगर वे गंभीर थे तो चार साल में सीएए के नियम क्यों नहीं बनाए।