कोलकाता: रामनवमी के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। इसे रोकने के लिए एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया है। इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने घटना की एनआईए जांच में हस्तक्षेप करने से इनकार किया था। इसके बाद एनआईए ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दावा किया है कि मामले की जांच में पश्चिम बंगाल सरकार सहयोग नहीं कर रही है। इसके बाद शुक्रवार को राज्य सरकार ने नए सिरे से याचिका लगाकर एनआईए कानून को अवैध घोषित करने की मांग की है।
शुक्रवार को ममता बनर्जी की सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की बेंच में एनआईए एक्ट को अवैध घोषित करने की मांग करते हुए केस दायर किया। हालांकि न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने तुरंत मामले से हटने की घोषणा की। याचिका में कोर्ट के आदेश के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश को भी खारिज करने की मांग की गई है।
पिछले मार्च में उपद्रवियों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में रामनवमी जुलूसों को निशाना बनाया था। हावड़ा, रिषड़ा, दालखोला समेत राज्य के विभिन्न इलाके सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में थे। विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने घटना की एनआईए जांच की मांग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने याचिका स्वीकार कर ली और एनआईए जांच का आदेश दिया। राज्य इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया। इसके बाद केंद्र सरकार ने रामनवमी हिंसा की एनआईए जांच के लिए अधिसूचना जारी कर दी।