ममता को आया लालू-अखिलेश का फोन

इंडिया गठबंधन को मजबूत करने का अनुरोध

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कोलकाता, सूत्रकार : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस का सीटों का समझौता हो गया है, लेकिन पश्चिम बंगाल में तकरार बढ़ती जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की आपसी लड़ाई में कांग्रेस उलझ गई है। बंगाल कांग्रेस और टीएमसी के नेताओं की ओर से हर दिन एक-दूसरे के खिलाफ बयान दिए जा रहे हैं। इसी को दूर करने के लिए रविवार को देश की राजनीति में एक नया नजारा देखने को मिला। बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल के बीच दोबारा गठबंधन की कोशिशें शुरू हो गई हैं। इस बार इस गठबंधन को बनाने में राजद नेता और इंडिया गठबंधन के भीष्म पितामह बने लालू प्रसाद यादव और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए तृणमूल सुप्रीमो और प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी को फोन किया है। इंडिया गठबंधन की बैठक में उसके घटक दल टीएमसी ने कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे की समय सीमा पर बार-बार असहमति जताई है।

पिछले साल दिसंबर में दिल्ली में गठबंधन की बैठक के अंत में तृणमूल ने कांग्रेस को 31 दिसंबर डेट लाइन दे दी थी। लेकिन एआईसीसी नेतृत्व द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिए जाने से बेहद नाराज ममता बनर्जी ने एक सभा में पश्चिम बंगाल की 42 सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया था। लेकिन रविवार को लालू प्रसाद और अखिलेश ने ममता से फोन पर कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की बात की। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कांग्रेस की पांच नई सीटों की मांग के बारे में भी तृणमूल की शीर्ष नेता को बता दिया है।

दरअसल इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार सुनिश्चित करने के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश याद इंडिया गठबंधन को मजबूती देने के लिए काफी गंभीर हैं। बिहार में ‘महागठबंधन’ सरकार छोड़ने और नीतीश कुमार के एनडीए में लौटने के बाद, लालू गठबंधन को लेकर काफी सावधान हो गए हैं।

जानकारों का मानना है कि बिहार में कांग्रेस, राजद और वाम दलों के लिए सीटों पर समझौता करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। वहीं, उत्तर प्रदेश में अखिलेश ने कांग्रेस के लिए 17 और तृणमूल के लिए एक सीट छोड़कर चुनावी जंग की तैयारी शुरू कर दी है। यही कारण है कि इस बार अखिलेश और लालू ने ममता से कांग्रेस के पांच सीटों के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने को कहा है।

राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के अलावा ममता ने उक्त सभा में यह भी आरोप लगाया था कि अखिल भारतीय स्तर पर सीपीएम अपनी बात पर चल रही है। ममता के इस रुख की वजह से ही पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन को बंगाल के नेता असंभव मानते हैं।

पिछले दिसंबर में राहुल गांधी और एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के  नेताओं के साथ बैठक की थी। बैठक में राज्य के नेताओं ने 8-11 सीटों पर चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने तृणमूल की सर्वोच्च नेता ममता को भी गठबंधन का संदेश भेजा था। लेकिन चूंकि इस राज्य में कांग्रेस दो से ज्यादा सीटें जीतने की स्थिति में नहीं है, इसलिए तृणमूल ने प्रस्ताव वापस भेज दिया और अकेले लड़ने की तैयारी शुरू कर दी।