Manipur Update : शांति के लिये इंटरनेट बंद, कुछ ही महीनों में गई 21 हजार नौकरियां

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भारत में कहीं भी माहौल बिगड़ने पर सरकार का सबसे पहला कदम होता है कि वहां की इंटरनेट सेवा बंद कर दी जाये। इंटरनेट सेवाएं बंद करने के मामले में अगर वैश्विक आंकड़ें देखें जाएं तो भारत इसमें नंबर वन पर आता है। भारत में कई ऐसे वाकये सामने आते हैं रहते हैं जिनमें इंटरनेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाकर सरकार किसी क्षेत्र विशेष में हालात काबू करने की कोशिश करती है। हाल ही में मणिपुर में भड़की हिंसा में राज्य सरकार ने इंटरनेट पर पूरी तरह से बंध कर दिया गया है।

नेटलॉस ने अपनी रिपोर्ट जारी की है जिसमें यह बताया है कि 2023 की पहली छमाही में भारत ने जो इंटरनेट बैन किया है उसकी वजह से कितना फाइनेंशियल लॉस हुआ है। कंपनी के अनुसार इंटरनेट बैन की वजह से भारत को पहली छमाही में ही 15,590 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अगर नेटलॉस की रिपोर्ट की मानें तो यह सिर्फ इस घाटे तक ही सीमित नहीं है। कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इंटरनेट बंद करने से विदेशी निवेश और रोजगार पर भी गहरा असर पड़ता है।

नेटलॉस की रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट बंद होने की वजह से करीब 1 हजार करोड़ रुपये के विदेशी निवेश का नुकसान हुआ है। वहीं रोजगार पर इसके असर की बात करें तो अभी तक इसकी वजह से 21 हजार नौकरियां जा चुकी हैं। रिपोर्ट में इस बात पर ज्यादा जोर दिया गया है कि इंटरनेट बंद करने के बाद सरकारें सोचती हैं कि फेक न्यूज, गलत सूचनाओं का आदान प्रदान रुक जाएगा जिसकी वजह से शांति कायम हो सकेगी लेकिन इंटरनेट प्रतिबंधित करना आर्थिक गतिविधियों के लिए बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला है।