Manipur Violence : सुबह तक हुई फायरिंग, सुरक्षाबलों पर किया गया हमला; मणिपुर में एक बार फिर भड़की हिंसा

84

मणिपुर में अब तक पूरी तरह से शांति स्थापित नहीं हुई है। रह-रहकर हिंसा की खबर सामने आ रही है। गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद कुछ दिनों तक राज्य में शांति लौटी थी। चीजें पटरी पर धीरे-धीरे लौटीं थी कि इसके बाद फिर से दंगाई उपद्रव फिर से हिंसा फैलाने लगे। इसी बीच राजधानी के पूर्व जिले में सेना, असम राइफल्स, रैपिड एक्शन फोर्स और राज्य पुलिस के संयुक्त बलों ने आधी रात तक फ्लैग मार्च किया। इस दौरान क्वाथा और कांगवई इलाकों में गोलीबारी हुई। अगली सुबह क्षेत्र में रुक-रुक कर गोलियां चली।

जानकारी के अनुसार मणिपुर में देर शाम से ही आगजनी, हिंसा की खबरें फिर से आई है। सेना और पुलिस के सूत्रों ने बताया कि सुबह-सुबह तक फायरिंग की आवाजें सुनाई दी। आधी रात तक सुरक्षाकर्मी फ्लैगमार्च करते रहे। अस्पताल के पास पैलेस कंपाउंट में आगजनी का प्रयास भी किया गया। शुक्रवार शाम लगभग 1000 लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई और आगजनी की और तोड़फोड़ मचाया। इस दौरान RAF ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां दागी। इसी बीच दो नागरिक घायल हो गए।

बताया जा रहा है कि मणिपुर यूनिवर्सिटी के पास भीड़ इकट्ठा हो गई थी। रात तकरीबन 10.30 के बाद थोंगजू के पास 200-300 दंगाई इकट्ठा हुए और स्थानीय विधायक के आवास पर तोड़फोड़ करने का प्रयास किया। इस दौरान रैपिड एक्शन फोर्स की एक यूनिट ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। सेना सूत्र के अनुसार 200-300 की भीड़ ने सिंजेमाई में आधी रात के बाद भाजपा कार्यालय को चारों तरफ से घेर लिया था।

इसके अलावा इंफाल पश्चिम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अधिकारमयुम शारदा देवी के घर को भी निशाना बनाने की कोशिश की गई। इसके एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर को 1200 लोगों की भीड़ ने पेट्रोल बम से हमला किया था। उनके घर का ग्राउंड और पहली मंजिल में आग लग गई थी। इसे लेकर केंद्र सरकार दोनों पक्षों के बीच में शांति बहाल करने का लगातार प्रयास कर रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने कई बड़े फैसले भी लिए थे। लोगों ने उनके कहने पर सरेंडर भी किया था लेकिन एक बार फिर रह-रहकर हिंसा हो रही है।