नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया इस वक्त देश की राजनीति का केंद्र बिंदु बन चुके हैं। सोमवार को अदालत ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पांच दिनों के लिए सीबीआई को सौंप दिया था। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से ही आप के लिए मुश्किलों का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार केजरीवाल पर दबाव बना हुआ था मनीष सिसोदिया से इस्तीफा लेने का।
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आज सिसोदिया और पहले से जेल में बंद सत्येंद्र जैन दोनों ने इस्तीफा सौंप कर केजरीवाल की मुश्किलों को आसान कर दिया। दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और जेल मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक इस्तीफे के तुरंत बाद ही सीएम अरविंद केजरीवाल ने दोनों मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर कर लिया।
सत्येंद्र जैन तो पिछले कई महीनों से जेल में थे तो सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस मुखर होकर दोनों ही मंत्रियों का इस्तीफा मांग रही थी।
इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी ने कहा कि इस फैसले से दिल्ली के लाखों बच्चों के माता-पिता दुखी हैं।
वहीं आज सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से भी तगड़ा झटका लगा। अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए सिसोदिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए CJI ने कहा कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत और दूसरी राहत मांग रहे हैं। आपको निचली अदालत से बेल लेनी चाहिए, एफआईआर रद्द करवाने के लिए हाई कोर्ट जाना चाहिए।
आम आदमी पार्टी ने इस फैसले पर बयान देते हुए कहा कि -हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। अब जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर गिरफ्तार किए गए मनीष सिसोदिया को दिल्ली की एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उचित व निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित और वैध जवाब मिलें और इस अदालत की राय में यह आरोपी की हिरासत में पूछताछ से ही संभव है।