लखनऊः उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने प्रदेश के मदरसों का सर्वे करा कर निजी मदरसों को गैर मान्यता प्राप्त घोषित किये जाने पर योगी सरकार की कार्रवाई को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। मायावती ने बुधवार को सवाल उठाया कि गैर सरकारी मदरसे यदि सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते हैं तो फिर इनमें दखल क्यों दिया जा रहा है।
1. यूपी सरकार द्वारा विशेष टीम गठित करके लोगों के चन्दों पर आश्रित प्राइवेट मदरसों के बहुचर्चित सर्वे का काम पूरा, जिसके अनुसार 7,500 से अधिक ’गैर-मान्यता प्राप्त’ मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं। ये गैरसरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों?
— Mayawati (@Mayawati) October 26, 2022
मदरसों की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट कर बसपा प्रमुख ने योगी सरकार पर निशाना साधा और लिखा कि यूपी सरकार द्वारा विशेष टीम गठित करके लोगों के चन्दों पर आश्रित प्राइवेट मदरसों के बहुचर्चित सर्वे का काम पूरा, जिसके अनुसार 7,500 से अधिक ‘गैर-मान्यता प्राप्त’ मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं। ये गैरसरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों ?
उन्होंने पूछा कि क्या सरकार गैर मान्यता प्राप्त घोषित किये गये निजी मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करेगी, जिस प्रकार बसपा सरकार ने 100 मदरसों को यूपी बोर्ड में शामिल किया था।
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जबकि सरकारी मदरसा बोर्ड के मदरसों के टीचर व स्टाफ के वेतन आदि के लिए बजट प्रावधान हेतु खास तौर से सर्वे कराया जाता है, तो क्या यूपी सरकार इन प्राइवेट मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करके उन्हें सरकारी मदरसा बनाएगी ? बीएसपी सरकार ने 100 मदरसों को यूपी बोर्ड में शामिल किया था।
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गौरतलब है कि योगी सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के मदरसों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का हवाला देकर इनका सर्वे कराया है। सर्वे रिपोर्ट में प्रदेश के 7500 से अधिक निजी मदरसे गैर मान्यता प्राप्त श्रेणी में शामिल बताये गये हैं। ऐसे में सभी की नजरें अब इन मदरसों के बारे में सरकार के अगले कदम पर टिकीं हैं।