बेटी के साथ जिले की बागडोर संभालती कोडरमा की उपायुक्त मेघा भारद्वाज की कहानी…

मेघा भारद्वाज के पति आईएएस लोकेश मिश्रा फिलहाल खूंटी के डीसी हैं

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कोडरमा : आज मदर्स डे है और उन तमाम माताओ का दिन है, जो अपने बच्चों के बेहतर परवरिश के लिए सबकुछ न्योछावर कर देती है। आज हम आपको कोडरमा उपायुक्त मेघा भारद्वाज के रूप में माँ की एक ऐसी कहानी बताएंगे, जो अपनी 16 महीने की बेटी के परवरिश के साथ कोडरमा को विकास के पथ पर आगे ले जाने में जुटी है। 2016 बैच की आईएएस मेघा भारद्वाज कोडरमा के 24वें उपायुक्त के रूप जिले को विकास के पथ पर ले जाने के साथ अपनी 16 महीने की बच्ची सिया के साथ बखुबी परवरिश कर रही है। मेघा भारद्वाज के पति आईएएस लोकेश मिश्र वर्तमान में खुंटी के डीसी है।

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मेघा भारद्वाज हजारीबाग एसडीओ, पलामु डीडीसी और संयुक्त सचिव के पद पर रहने के बाद आज कोडरमा जिले की बागडोर संभाल रही है। उन्होंने देश की तमाम मां को मदर्स डे की शूभाकामनाएं देते हुए बताया कि बेटी के जन्म के बाद उन्हें माँ और माँ के महत्त्व को करीब से समझने का अवसर मिला। बेटी को खिलाना, उसे लोरी गाकर सुलाना, उसके साथ खेलना दिनभर की सारी थकान मिटा देता है। डीसी मेघा भारद्वाज ने बताया कि पिछले 6 महीने से जब भी वे अपने सरकारी आवास से बाहर रहती है, अपनी सिया से मिलने का इंतेजार रहता है। बेटी से मिलने के इंतेजार में उन्हें कम समय में ज्यादा से ज्यादा काम निबटाने की एक ऊर्जा मिलती है, जो एक साकारात्मक पहलु है। उन्होंने बताया कि फिलहाल चुनावी माहौल में कामकाज ज्यादा है, ऐसे में समय नहीं मिलने की स्थिति में सिया को वे अपने कार्यालय में ही बुलवा लेती है और यहीं उसके साथ थोड़ा समय बिताकर फिर से अपने कामों में जुट जाती हुं।

 

मेघा भारद्वाज की अनुपस्थिति में मुन्नी सिया की देखभाल करती :

डीसी मेघा भारद्वाज की गैर मौजूदगी में उनके साथ उनके आवास में रहने वाली मुन्नी सिया की देखभाल करती है। घर से निकलते वक्त पुरे विश्वास के साथ वे मुन्नी के भरोसे सिया को सौंपकर निकलती है, जो दिनभर उसका पुरा ख्याल भी रखती है। मुन्नी ने बताया कि मैडम को समय तो कम मिलता है, लेकिन जितना समय भी अपने कामकाज से निकाल पाती है, पूरा समय अपने बच्चों के साथ बिताती है। मां की ममता और अपने बच्चों के प्रति समर्पण को शब्दों में तो बयां नहीं किया जा सकता, लेकिन जिस तरह से पूरे जिले की बागडोर संभालते हुए उपायुक्त मेघा भारद्वाज अपनी सिया की देखभाल करती है। वह भी मां का एक अलग स्वरूप और समर्पण ही नजर आता है।