60 साल तक काम करेंगी मिड डे मील बनाने वाली रसोइया

साल में दो बार मिलेगी नई साड़ी, बनेंगे नए नियम

97

रांचीः सरकारी स्कूलों में मिड डे मील बनानेवाली महिला रसोइया 60 साल तक काम करेंगी। इसे लेकर राज्य सरकार पारा शिक्षकों की तरह स्थायी सेवा शर्त नियमावली बनाएगी। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने अपने आवास पर झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोइया-संयोजिका संघ के साथ हुई वार्ता में इसपर सहमति दी।

यह वार्ता विधायक सुदिव्य कुमार सोनू की पहल पर कराई गई। मंत्री ने रसोइया की मांगों पर विचार करते हुए साल में रसोइया को दो बार ड्रेस (साड़ी) देने पर भी अपनी सहमति प्रदान की।

वार्ता के क्रम में पारा शिक्षकों की तरह रसोइये का भी पांच लाख रुपये तक का बीमा कराने की मांग की गई। इस पर मंत्री ने कहा कि सभी महिला रसोइये का बीमा होगा। भले ही राशि इससे कुछ कम हो सकती है।

उन्होंने रसोइए को वर्ष में 10 माह की जगह 12 माह का मानदेय देने पर भी सहमति दी। वर्तमान में इन्हें साल में 10 माह के लिए ही मानदेय मिलता है। स्कूलों में अवकाश होने के कारण दो माह का मानदेय नहीं मिलता।

मंत्री ने रसोइया का मानदेय बढ़ाने का भी आश्वासन दिया। संघ ने कम से कम राज्य में लागू न्यूनतम मजदूरी के समतुल्य मानदेय देने की मांग की। वर्तमान में उन्हें प्रतिमाह दो हजार रुपये मानदेय मिलता है, जिसमें 1400 रुपये राज्य सरकार तथा 600 रुपये केंद्र सरकार देती है।

संघ ने मंत्री से संयोजिका को भी मानदेय देने की मांग की, जिसपर मंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया। संयोजिका को मानदेय नहीं दिया जाता। वार्ता में संघ की ओर से अध्यक्ष अजीत कुमार प्रजापति, उपाध्यक्ष देवकी देवी, महासचिव प्रेमनाथ विश्वकर्मा, रजनी लुगून, आशा दत्ता, संध्या देवी आदि भी शामिल थीं।

 

यह भी पढ़ें – जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत से मचा हाहाकार