अल्पसंख्यक समुदाय ने किया कांफ्रेंस का आयोजन

राज्य सरकार पर लगाया मुसलमानों के साथ भेदभाव करने का आरोप

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गिरिडीह / बगोदर (बेका) :  झारखण्ड में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एकजुट हो रहे हैं । इसके तहत अल्पसंख्यकों ने मौलाना मुखतार की अध्यक्षता में कांफ्रेंस का आयोजन किया।

इसमें मुख्य रूप से जामताड़ा विधायक इरफ़ान अंसारी , पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी, अल्पसंख्यक समुदाय के समाजिक कार्यकर्त्ता एस अली , आजसू नेता नजरूल हसन,

प्रो मंजूर अहमद, डां इसरायल रिजवी, इमरान आलम, इस्मे आज़म, मौलाना फजलूल कदीर अहमद, जियाउद्दीन अंसारी, हारिस आलम, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष सरवर खान, इकरामउद्दीन अंसारी, पप्पू खान, अनवर मुखिया, अख्तर मुखिया, युसुफ अंसारी, वली आज़म, मकसूद आलम, हाजी अबदुल जब्बार सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

मौके पर एस अली ने आरोप लगाते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार मुसलमानों को अछूत समझ रही है। 50 लाख मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों से जुड़े मुद्दे हल करने के बजाय संशय में रखने का काम सरकार कर रही है।

कई घटनाओं के जांच में भेदभाव और उपेक्षित रखा गया है , पीड़ित न्याय के लिए ठोकरें खा रहे हैं। उर्दू भाषा व उर्दू शिक्षक से जुड़े मसले तो हल नहीं हुए लेकिन बिहार के समय से संचालित उर्दू विद्यालयों को जबरदस्ती सामान्य विद्यालय बना दिया गया।

हद तो यह है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं से सरकार मिलना भी नही चाहतें। महागठबंधन सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 29 दिसम्बर तक मसले हल नहीं हुई तो हर राज्यभर में पंचायत लगाकर प्रदर्शन किया जायेगा

जामताड़ा विधायक इरफ़ान अंसारी ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि अधिकारियों के स्तर पर भेदभाव तो हुए है लेकिन झारखंड सरकार अल्पसंख्यकों के मसले हल करने के लिए कृतसंकल्प है। मैं सभी मामलों को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराऊंगा।

 

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