कांग्रेस के एकमात्र विधायक बायरन की फाइल गुम !

शपथ ग्रहण को लेकर अटकलें तेज, आरोप है कि राजभवन से गुम हो गयी हैं कई फाइलें

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कोलकाताः वामपंथी कांग्रेस प्रत्याशी और सागरदीघी के विधायक बायरन विश्वास की शपथ को लेकर असमंजस खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। चुनाव के नतीजे आये काफी दिन हो गये हैं लेकिन अभी तक शपथ की तारीख तय नहीं हुई है। इसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि शपथ में देरी होने का कौन जिम्मेदार है? राजभवन या विधानसभा?

प्रशासन सूत्रों के अनुसार शपथ के लिए जरूरी दस्तावेज शनिवार को ही विधानसभा से राजभवन भेज दिये गये हैं, लेकिन अभी तक वह फाइल विधानसभा में नहीं आई है।

नतीजतन, अगर शपथ से संबंधित फाइलें राजभवन से नहीं आती हैं, तो विधानसभा कुछ नहीं कर सकती है। आरोप है कि राज्यपाल सचिवालय में कुछ गड़बड़ी है। यह भी आरोप लगाया कि कई फाइलें गुम हो गई हैं। इस मामले में भी अलग-अलग हलकों में चर्चा चल रही है।

संविधान के अनुच्छेद 188 के अनुसार राज्यपाल यह तय करते हैं कि विधानसभा के सदस्य को कौन शपथ दिलाएगा। वह इसे स्वयं प्रशासित कर सकते हैं या शपथ दिलाने की जिम्मेदारी अध्यक्ष को सौंप सकते हैं।

कई बार वह डिप्टी स्पीकर को भी जिम्मेदारी दे सकते हैं। स्पीकर को आम तौर पर राज्यपाल द्वारा विधायकों को पद की शपथ दिलाने का काम सौंपा जाता है, लेकिन कभी-कभी अपवाद भी होते हैं।

यहा बता दें कि ममता बनर्जी के भवानीपुर उपचुनाव जीतने के बाद तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधायक ममता को शपथ दिलाई थी। जो विधानसभा के इतिहास की असाधारण घटना है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही शपथ ग्रहण को लेकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस के साथ मुलाकात की थी और इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। उस समय राज्यपाल ने उनको जल्द शपथ ग्रहण करावने के लिए आश्वासन दिया था।