रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में कांके विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रहे सुरेश बैठा की इलेक्शन पिटीशन पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान भाजपा विधायक समरी लाल की ओर से उपस्थित गवाह बुलगरिया देवी का बयान अदालत के समक्ष दर्ज हुआ।
अपने बयान में बुलगरिया देवी ने कहा कि समरी लाल उनके रिश्तेदार नहीं हैं । हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि वे समरी लाल को जानती हैं। गवाह का बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तिथि निर्धारित की है।
याचिकाकर्ता सुरेश बैठा की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, विभास सिन्हा, अजय शाह और अंकित मिश्रा ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा। वहीं समरी लाल की ओर से अधिवक्ता अमर कुमार सिन्हा ने पक्ष रखा। इसके साथ ही अदालत ने समरी लाल को यह निर्देश दिया है कि वो अपने गवाहों की सूची छोटी करें ताकि मामले की सुनवाई जल्द पूरी हो सके, अन्यथा कोर्ट अगली डेट पर उचितआदेश पारित करेगा।
बता दें कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांके विधानसभा की आरक्षित सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुरेश बैठा और बीजेपी के प्रत्याशी समरी लाल चुनाव लड़े थे। मतगणना के बाद भाजपा के प्रत्याशी समरी लाल को निर्वाचित घोषित किया गया. जिसके बाद सुरेश बैठा ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर समरी लाल के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है। इसके पीछे उन्होंने आधार दिया है कि समरी लाल के द्वारा चुनाव के दौरान दिया गया जाति प्रमाण पत्र गलत है। पिछले दिनों कास्ट स्क्रूटनी कमिटी ने उनके कास्ट सर्टिफिकेट को अवैध करार कर दिया है।