कोलकाता : उत्तर बंगाल के उदयन गुहा के बाद उत्तर 24 परगना के तापस चटर्जी भी एक विस्फोटक बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने दावा किया है कि वाममोर्चा के शासनकाल में कई लोगों को नौकरी दी गयी थी। वे उन सभा लोगों का नाम अंगुलियों पर गिन कर बता सकते हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 में तापस चटर्जी का माकपा से मोह भंग हो चुका था और वे तृणमूल के शरण में आ गए थे। वे जब माकपा में थे तो वे राजारहाट-गोपालपुर नगरपालिका के चेयरमैन थे। उसी समय राजारहाट-गोपालपुर नगरपालिका विधाननगर नगरपालिका के साथ मर्ज हो गयी थी।
अब ये विधाननगर नगर निगम हो गया है। तापस ने गुरुवार को बारासात में कहा कि ऐसे कई मामले हैं, जहां पार्टी की तरफ से फैसला लिया गया है, जिसके बाद इसे लागू किया गया है।
सीपीएम के दौर में राजनीतिक फैसलों में कई काम किए गए हैं। हम भी उस फैसले का हिस्सा बने हैं। वाम युग में स्थायी रोजगार था, वाम युग में चयन था। पार्टी के निर्णय के अनुसार काम किया गया।
मुझे यह भी जानकारी है कि कई का स्कोर शून्य कर दिया गया है। सब कुछ कहने से कोई फायदा नहीं है, मैं आपको एक हजार नाम बताता हूं। उदयन गुहा अपने लिए बोलते हैं।
मैं मेरे बारे में बात कर रहा हूँ। मैं राजारहाट में उन लोगों के नाम बताऊंगा जिन्हें माकपा के शासन में नौकरी मिली थी। तापस ने कहा कि वे प्रबंध समिति में नहीं थे। तब एसएससी नहीं था।
वे जानते हैं कि प्रबंध समिति सीपीएम के लोगों को नौकरी देती थी। जिला पार्टी कार्यालय स्थानीय पार्टी कार्यालय को सूचित करता था। उन्होंने दावा किया कि वाम काल के दौरान सीपीएम के राजनीतिक दबाव में कई काम किये गये थे। उनका दावा है कि यह अंत नहीं है, वह खुद इतने सारे लोगों के बारे में जानते हैं। अगर मुख्यमंत्री मांगती है तो सारे नाम दे दुंगा।