कोलकाताः सोमवार को तृणमूल कांग्रेस को तब बड़ा झटका लगा जब बारानगर के तृणमूल विधायक तापस रॉय ने विधानसभा पहुंच कर अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है। हालांकि उनको मनाने की टीएमसी द्वारा बहुत कोशिश की गई लेकिन वो नहीं माने। सोमवार की सुबह-सुबह राज्य के मंत्री ब्रात्य बसु और तृणमूल के राज्य महासचिव कुणाल घोष तापस के बहूबाजार स्थित घर गये। उनके जाने के बाद तापस रॉय ने संवाददाता सम्मेलन किया और कहा कि पार्टी में उनकी उपेक्षा, अनदेखी और अनादर किया जाता है। इससे तो साफ पता चल गया कि वे इन दोनों नेताओं के मान-मनौव्वल के बाद भी नहीं माने हैं। उन्होंने रविवार को अपने करीबियों से कहा था कि वह अब तृणमूल नहीं करेंगे। सोमवार को अपने घर पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए तापस ने संदेशखाली से लेकर उनके घर पर ईडी की छापेमारी तक कई मुद्दों पर अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि मुझे प्रताड़ित किया गया है। मैं कई दिनों से पार्टी से दूरी बनाए हुए हूं। उन्होंने आगे कहा कि इतने सालों में यह पहली बार है कि मैं विधानसभा के बजट सत्र में नहीं रह सका। मेरा मानना है कि किसी भी काम में सहजता होनी चाहिए। मैं कई वर्षों से टीएमसी कर रहा हूं। टीएमसी के साथ मेरा 23-24 सालों का लंबा रिश्ता है। ईडी मेरे घर आई थी। पार्टी मेरे साथ खड़ी नहीं हुई। किसी ने मेरे परिवार को सांत्वना नहीं दी।उन्होंने यहां तक कहा कि मैंने कई जगहों से सुना है कि मेरे घर पर ईडी की छापेमारी के पीछे पार्टी के कुछ सदस्य हैं। यह दुखद है, जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा को संबोधित किया, तो उन्होंने संदेशखाली के शाहजहां के बारे में बात की। लेकिन उन्होंने मेरा जिक्र नहीं किया। मुझे उम्मीद थी कि वह मुझे कम से कम एक बार मेरे घर पर ईडी छापे के बारे में बतायेंगी। जैसा कि बाकियों के मामले में कहा गया है। मैं इससे आहत हुआ।
तापस के करीबी सूत्रों की मानें तो दिग्गज नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। कई लोग तो एक कदम आगे बढ़कर कह रहे हैं कि तापस उत्तर कोलकाता लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार भी बन सकते हैं। हालांकि उत्तरी कोलकाता से कई नाम आगे चल रहे हैं।