ऑक्सीजन लिक्विड प्लांट एक्टिव, 270 नर्सें भी तैनात
रांची : केंद्र सरकार के निर्देश के बाद आज राज्य भर के अस्पतालों में कोरोना को देखते हुए रिम्स में मॉक ड्रिल किया गया। रिम्स निदेशक, मेडिकल सुपरिटेंडेंट सहित तमाम अधिकारियों ने रिम्स में मौजूद संसाधनों का जायजा लिया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए रिम्स में कुछ तैयारियां भी देखने को मिली तो कुछ कमियां भी हैं।
रिम्स प्रबंधन जल्द ही उसे दूर कर आने वाली किसी भी तरह की परिस्थिति के लिए तैयार हो जाएगा। मैन पावर की कमी है, जिसे दूर करने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि अभी रिम्स में कोरोना के केवल दो मरीज ही इलाजरत हैं। अभी स्थिति नियंत्रण में है।
मॉक ड्रिल के दौरान रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ हिरने बिरूआ और डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ शैलेश त्रिपाठी थे।
निरीक्षण कर निकले रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि जितने भी टेंपररी कोविड हॉस्पिटल बनाए गए थे, वे सभी दुरूस्त हैं। परिस्थिति के अनुसार उन्हें ऑपरेशन कर दिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान बेड, मेट्रेस, ऑक्सीजन सप्लाई सभी हैं।
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन का एलएमए टैंक खाली है, उसे रिफिल कर लिया जाएगा। इसके साथ ही ऑक्सीजन की सप्लाई भी शुरू हो जाएगी। कभी भी ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी।
उन्होंने बात करते हुए कहा कि इस साल न दवाओं की कमी होगी और न ही ऑक्सीजन की कमी होगी। अभी पर्याप्त दवाएं रिम्स में उपलब्ध है। जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ेगी दवाओं का स्टॉक भी बढ़ाया जाएगा। रि
म्स में कुल 22 सौ बेड हैं, जो ऑक्सीजन सपोर्टेट हैं। उन्होंने बताया कि मैनपावर भी कम नहीं है। 310 नर्सेस की बहाली होनी है। जिनके नाम झारखंड कर्मचारी आयोग को भेज दिए गए हैं। 270 नर्सेस ज्वाइन कर चुके हैं। अगर कोविड की लहर आयी तो ये नर्सेस सेवा देने के लिए तैयार होंगी। अन्य स्टाफ की नियुक्ति आउट सोर्स से करने के लिए सरकार ने दे दी है।