झारखंड में ठंड के मौसम में ग्रामीण इलाकों में अफीम तस्करों की चहलकदमी बढ़ी

-पुलिस से लेकर चौकीदारों को किया गया अलर्ट

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रांची : राज्य में ठंड का मौसम आते ही बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जाती है। ऐसे में अफीम तस्करों ने अपनी चहलकदमी बढ़ा दी है। अफीम तस्कर बड़े पैमाने पर ग्रामीणों की सहायता से अफीम की खेती की तैयारी में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अफीम तस्करों की योजना को विफल करने में जुट गया है।
जाड़े का मौसम शुरू होते ही अफीम तस्कर अफीम की खेती के लिए सक्रिय हो चुके हैं। सूचना है कि खूंटी और रांची के वैसे इलाके जहां हर साल बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती है उन इलाकों में अफीम तस्करों के द्वारा बीहड़ों और जंगलों में जमीन चिन्हित की जा रही है। जाड़े का मौसम अफीम की खेती के लिए बेहद माकूल समय होता है। ऐसे में तस्करों की चहलकदमी रांची और खूंटी में बढ़ गई है।

मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी अलर्ट हो गई है। इस संबंध में रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि अक्टूबर और नवंबर महीने में अफीम की खेती होती है। दिसंबर माह में फसल तैयार हो जाती है। फसल तैयार होने के बाद ही उसमें चीरा लगा कर अफीम और फिर डोडा निकाला जाता है। अफीम तस्करों की साजिश पर ब्रेक लगाने के लिए पुलिस की टीम ने तस्करों पर कार्रवाई करने का स्पेशल प्लान बनाया है। राज्य के खूंटी जिले में अफीम की सबसे अधिक खेती होती है। रांची के बुंडू, तमाड़, दशम, नामकुम और पिठोरिया इलाके में भी अफीम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। फसल तैयार होने के बाद झारखंड समेत दूसरे राज्यों में अफीम की तस्करी की जाती है।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में अफीम तस्करों की चहलकदमी को लेकर पुलिस से लेकर ग्रामीण इलाकों में तैनात चौकीदारों तक को अलर्ट किया गया है। सभी को यह पता लगाने का निर्देश दिया गया कि अफीम के बीज का वितरण कौन कर रहा है। पुलिस कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि ऐसे लोगों को चिहिन्त कर उन पर कार्रवाई करें। डीआईजी बिरथरे ने बताया कि जमानत पर जेल से छूटे तस्करों से अब पुलिस थाना हाजिरी लगवाएगी। पुलिस की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। उधर सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने डीआईजी अनूप बिरथरे के अलावा रांची, गुमला, सिमडेगा, खूंटी और लोहरदगा एसपी के साथ हुई बैठक में निर्देश दिया है कि 15 दिनों के भीतर अफीम तस्करों और उसकी खेती करने वाले की अगल-अलग सूची तैयार करें। निर्देश यह भी दिया गया है कि जेल से छूटे तस्करों की गतिविधि पर नजर रखें। यह पता लगाएं कि जेल से जमानत पर छूटे तस्कर कहां रह रहे हैं और क्या कर रहे हैं। कहीं वह फिर से अफीम की तस्करी में शामिल तो नहीं हैं।

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