दिनदहाड़े घर में घुसकर बुजुर्ग महिला की ह’त्या, अपराधियों ने सबूत मिटाने के लिए घर में लगाई आग….

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रामगढ़ : रामगढ़ शहर के विद्यानगर मोहल्ले में गुरुवार को अपराधियों ने दिनदहाड़े एक बुजुर्ग महिला की हत्या कर दी। अपराधी इतने शातिर थे कि उन्होंने साक्ष्य मिटाने के लिए घर के कमरे में आग लगा दी। साथ ही इस वारदात को लूटपाट की शक्ल भी देने की कोशिश की गई है। पूरे घर के अलमारी और बिस्तर को खंगाला गया है।मृतका की पहचान सुशीला देवी (60) के रूप में की गई है। उनके पति अशर्फी प्रसाद रेलवे से रिटायर्ड कर्मचारी हैं। हर जगह सामान बिखरा पड़ा है। घटनास्थल पर पहुंचे रामगढ़ एसडीपीओ परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। अपराधियों की शिनाख्त के लिए चश्मदीद गवाहों से बात की जा रही है। फोरेंसिक की टीम को बुलाया गया है, ताकि अपराधियों का सुराग ढूंढा जा सके। उन्होंने बताया कि संगीता देवी घर में अकेली थी, जब सुबह 9:00 बजे अपराधी उनके घर में घुसे और इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया है। जानकारी के अनुसार विद्यानगर मोहल्ले में सुशीला देवी अपने घर में अकेली थी। सुबह नौ बजे उनके घर पर तीन पुरुष और एक महिला आई थी। जिसे पड़ोसियों ने भी देखा था। वह जब घर में घुसे थे तो सुशीला देवी को उन लोगों ने पैर छूकर प्रणाम भी किया था। जब वे लोग ऊपर उनके डाइनिंग हॉल में गए तो वहां उन्हें नाश्ता भी परोसा गया था। सुशीला देवी की लाश घर के रसोई घर में मिली है। उनके सिर पर पीछे से भारी हथियार से वार किया गया है, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई है। रामगढ़ शहर के विद्यानगर मोहल्ले में महिला सुशीला देवी (60) की हत्याकांड ने पूरे इलाके को दहला दिया है। दिनदहाड़े अपराधियों ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। अपराधियों ने यह दिन बेहद बारीकी से छानबीन कर चुना था। उन्हें इस बात की पूरी खबर थी कि सुशीला देवी के घर में कोई भी मौजूद नहीं है। घर में रहने वाले सदस्यों और उनके आने-जाने का समय भी अपराधियों के पास शायद पहले से ही था।

 

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सुशीला देवी अपने खूबसूरत आशियाने में अपने पति अशर्फी प्रसाद, बेटी अल्का और नाती-नतनी के साथ रह रही थी। नतनी को छोड़ने के लिए अशर्फी प्रसाद बुधवार को ही कोलकाता निकले थे। अपराधियों को उनके जाने की पक्की खबर थी। साथ ही उन्हें इसकी सूचना भी थी कि बेटी अल्का मेदांता अस्पताल रांची में काम करती हैं। गुरुवार की सुबह 7:00 बजे वह मेदांता अस्पताल ओरमांझी के लिए निकल गई थी । इसीलिए उन लोगों ने गुरुवार का दिन चुना। समय भी सुबह 9:00 बजे का चुना गया, जब आसपास के लोग भी अपने घरों में काम में व्यस्त रहते हैं।अशर्फी प्रसाद और सुशीला देवी का बेटा फिलहाल भारत में मौजूद नहीं है। पेशे से इंजीनियर उनका बेटा वर्तमान समय में अपने परिवार के साथ मलेशिया में रहता है। उसे भी इस घटना की जानकारी दे दी गई है। रिटायर्ड रेलवे अधिकारी अशर्फी प्रसाद ने अपनी पत्नी के लिए रामगढ़ शहर के विद्यानगर में आशियाना बनाया था। करोड़ों रुपए की लागत से बेहद शानदार और खूबसूरत मकान दो साल पहले ही बनकर तैयार हुआ था। उन्होंने इस आशियाने का नाम भी अपनी पत्नी के नाम पर ””सुशीला निवास”” रखा। मूल रूप से बिहार राज्य के बेतिया जिला अंतर्गत शिवराजपुर गांव के रहने वाले अशर्फी प्रसाद बरकाकाना रेलवे स्टेशन से सेवानिवृत हुए थे। उनके घर के बाहर और अंदर का इंटीरियर इतना खूबसूरत था कि लोगों की नजर उस घर से हटती ही नहीं थी। घर की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा भी इंस्टॉल कराया था। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर अपने साथ लेकर चलते बने। ताकि पुलिस को अपराधियों की पहचान करने में मुश्किल हो।