Bageshwar Baba Row: नागपुर पुलिस ने बाबा धीरेंद्र शास्त्री को दी क्लीन चिट

धीरेंद्र शास्त्री बोले, कानून पर पूरा भरोसा, श्याम मानव ने भी दिया बयान

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नागपुरः महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है लेकिन इसके वाबजूद नागपुर पुलिस ने बुधवार को बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को क्लीन चिट दी है।

इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है। वहीं, श्याम मानव ने नागपुर पुलिस ने जो निर्णय लिया है ये कानूनन दिमाग का मत नहीं है, ऐसा मुझे लगता है।

उल्लेखनीय है कि बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री कई दिनों से सुर्खियों में हैं। उन पर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने अंधविश्वास को बढ़ावा देने के आरोप लगाए थे।

इन आरोपों की जांच के बाद नागपुर पुलिस ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को क्लीन चिट दी है। पुलिस ने कहा कि उन्हें अंधविश्वास फैलाने के सबूत नहीं मिले हैं, नागपुर में कानून का उल्लंघन नहीं हुआ।

नागपुर पुलिस से क्लीन चिट मिलने पर बागेश्वर बाबा ने कहा कि हिंदू राष्ट्र का मतलब राम राज्य है। हिंदू राष्ट्र का मतलब सभी धर्मों का साथ है।

उन्होंने कहा कि सनातन का प्रचार अंधविश्वास नहीं है। मुझे कानून और संविधान पर पूरा भरोसा है और आज उसी की जीत हुई है। हमने कोई अंधविश्वास नहीं फैलाया है धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि कुछ लोगों ने भगवान श्रीराम को भी स्वीकार नहीं किया था। श्रीराम के आगे हम कुछ नहीं हैं।

बता दें, वहीं, बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाने वाले अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा कि मेरे ज्ञान के आधार पर बाबा के ऊपर दोनों कानून लागू होते हैं।

यदि कोई भी व्यक्ति, कोई भी बाबा अगर ये आश्वासन देता है कि आपका भला होगा, शादी हो जाएगी, नौकरी लग जाएगी, बीमारी दूर हो जाएगी, कुछ भी इस तरह का तो ये कानूनन अपराध के श्रेणी में आता है। जिस व्यक्ति को डॉक्टर की डिग्री प्राप्त न हो, उपलब्ध न हो वो अगर किसी का डायग्नोसिस करता है या फिर आश्वासन भी देता है तो वो भी कानूनन गलत होगा।

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श्याम मानव ने कहा कि पुलिस अधिकारी कानून के बारे में बहुत जानकारी रखते हैं। नागपुर पुलिस ने जो निर्णय लिया है ये कानूनन दिमाग का मत नहीं है, ऐसा मुझे लगता है।

उन्दोंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस का इस कानून में बहुत ही महत्व रहा है। उस समय शिवसेना और बीजेपी विरोधी पार्टी हुआ करती थी फिर भी ये कानून सबकी सहमति से बना था। इस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस हैं। उन्हें हमारे मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए, उसके बाद इस पर निर्णय लेना चाहिए।