विक्टोरिया हाउस के सामने रैली कर सकेंगे नौशाद

कलकत्ता हाई कोर्ट ने 21 जनवरी को नौ शर्तों के साथ दी रैली की इजाजत

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कोलकाताः इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने विक्टोरिया हाउस के सामने एक रैली करने की अनुमति मांगी थी। पुलिस प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बाद फ्रंट ने कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर रुख किया था। गुरुवार को कोर्ट ने नौशाद सिद्दीकी को 21 जनवरी को रैली करने की सशर्त अनुमति दे दी है। लेकिन कोर्ट ने इसके लिए नौ शर्तें रखी हैं। आईएसएफ उसी शर्त के मुताबिक वहां पर रैली कर सकेगी।

आईएसएफ मामले की सुनवाई गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की पीठ के समक्ष हुई। सभा में कितने लोग एकत्रित हो सकते हैं, सभा कितनी देर तक चलेगी, सब कुछ न्यायाधीश द्वारा निर्दिष्ट किया गया है। सभा के लिए आईएसएफ को नौ शर्तें तय की गई हैं।

गौरतलब है कि आईएसएफ को विक्टोरिया हाउस के सामने सभा करने की पुलिस से इजाजत नहीं मिली थी। तब उसने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पहले तो कोर्ट ने इसकी इजाजत नहीं दी। न्यायाधीश ने कहा कि आईएसएफ को पिछले साल रानी रासमणि रोड पर कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी गई थी। लेकिन उस कार्यक्रम में काफी अशांति फैली थी। स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी। आईएसएफ को घटना के बारे में बताते हुए कोर्ट में एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा गया था।

राज्य सरकार ने विक्टोरिया हाउस के सामने सभा आयोजित करने के बारे में कोर्ट में आईएसएफ की याचिका का भी प्रतिवाद किया। उन्होंने दावा किया कि जिस दिन आईएसएफ कार्यक्रम करना चाहता है, उस दिन विक्टोरिया हाउस के सामने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम है। विक्टोरिया हाउस के सामने से एक जुलूस निकलने वाला है। पूर्व अनुमति भी ली गई है। और इसलिए पुलिस ने आईएसएफ को उस स्थान पर सभा करने की अनुमति नहीं दी। लेकिन दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आखिर कोर्ट ने शर्तों के साथ नौशाद को रैली करने की इजाजत दे दी है।

आईएसएफ की रैली की कोर्ट से अनुमति मिलना अब कोलकाता पुलिस के लिए बड़ी चुनौती हो गई है कि कैसे उस दिन किसी तरह से कानून व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े। पुलिस को अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करनी होगी।