नेताजी पहले पीएम होते तो देश के नहीं होते दो टुकड़े: शुभेंदु
शुभेंदु ने ममता बनर्जी की सद्भावना रैली के उद्देश्व को लेकर उठाया सवाल
कोलकाता, सूत्रकार : पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता और विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि उनका मानना है कि अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो भारत का विभाजन रोका जा सकता था। पराक्रम दिवस यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर अधिकारी ने कहा कि मेरा मानना है कि अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश के पहले प्रधानमंत्री होते, तो हमारे देश का विभाजन नहीं होता और भारत में हर कोई खुश होता। भारत को गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से छुटकारा मिल गया होता।
अंग्रेजों के खिलाफ स्वाधीनता संग्राम में आजाद हिन्द फौज की स्थापना करने वाले स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती, जिसे पराक्रम दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, इस अवसर पर कोलकाता में नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने ये बातें कहीं। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि आज हम पराक्रम दिवस मना रहे हैं और नेताजी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने के लिए अपने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के मौके पर कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सद्भावना रैली पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारी ने कहा कि यह सांप्रदायिक रैली के सिवा कुछ नहीं थी।
अधिकारी ने आरोप लगाया कि वह विभिन्न धर्मों की एक समभाव रैली नहीं थी, बल्कि एक सांप्रदायिक रैली थी। यह दंगे भड़काने के लिए की गई थी। ऐसी भाषा। क्या वह मुख्यमंत्री थीं? वह जेल जाने के डर से पागल हो गई हैं।
पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को प्राण-प्रतिष्ठा दिवस मनाने से रोके जाने के आरोप को खारिज करते हुए अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हरेक हिंदू ने कल भगवान राम-लला की प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव में भाग लिया, भले ही वे इस दौरान अपने घरों में ही थे।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं ने सोमवार को “राम पूजा” के दौरान हिंदुओं पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि तृणमूल के पाकिस्तान-प्रेमी नेताओं ने राम पूजा के दौरान हिंदुओं पर हमला किया है। ऐसी 50 से अधिक घटनाएं हुईं। पुलिस उनकी कैडर बन गई है।