नेताजी की जयंती : आरएसएस के कार्यक्रम पर नेताजी की बेटी ने जताया विरोध

नेताजी सभी धर्मों का करते थे सम्मान, लेकिन आरएसएस के थे आलोचक- अनिता बोस

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कोलकाताः  राज्य में आरएसएस 23 जनवरी को नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने की तैयारी में जुट गई है। दरअसल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती कोलकाता के शहीद मीनार में मनाई जाएगी, जिसमें आरएसएस चीफ मोहन भागवत मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल होंगे।

इस बीच एक मीडिया चैनल से बातचीत में नेताजी की बेटी अनिता बोस ने इस कार्यक्रम पर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि नेताजी आरएसएस की विचारधारा के आलोचक थे। साथ ही कहा कि, उनके पिता एक ऐसे व्यक्ति थे, जो एक कट्टर हिंदू थे, लेकिन सभी धर्मों को सम्मान देते थे।

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गौरतलब है कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत 23 जनवरी को कोलकाता में रैली करने जा रहे हैं। इस दौरान वे नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी देंगे। दरअसल, मोहन भागवत इस दौरान वे पश्चिम बंगाल के पांच दिवसीय दौरे पर रहेंगे, जहां वह विभिन्न गण्यमान्य लोगों से मुलाकात करेंगे।

दरअसल, नेता जी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनिता बोस ने कहा कि वे मानते थे कि हर कोई एक साथ रह सकता है। ऐसे में दक्षिणपंथी संगठन आरएसएस इसमें यकीन रखता है। इस दौरान उन्होंने 23 जनवरी को स्वतंत्रता सेनानी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने की योजना बनाने के लिए दक्षिणपंथी संगठन की आलोचना भी की।

अनिता बोस ने कहा कि यदि आरएसएस ने नेताजी की विचारधारा को अपनाना शुरू कर दिया है, तो यह भारत के लिए बेहतर होगा। चूंकि, नेताजी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते थे। ऐसे में मुझे यकीन नहीं हैं कि आरएसएस उनके विचारों पर कायम रहेगा।

यदि, आरएसएस हिंदू राष्ट्रवादी विचारों का प्रचार करना चाहता है, तो वह नेताजी की विचारधारा से मेल नहीं खाएगा। अगर इसके लिए नेताजी का इस्तेमाल किया जाता है तो मैं इसकी तारीफ नहीं करूंगी। उन्होंने कहा कि मैं सोचूंगी कि वे नेताजी को सिर्फ जुबानी सेवा नहीं देते हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं उनका सम्मान करती हूं कि वे नेता जी का 126वां जन्मदिन मना रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के लिए बेहतर रहेगा कि नेताजी के सिद्धांतों को अपनाया जाए।