पूर्वी लद्दाख और सिक्किम में तैनात होंगी नई ड्रोन यूनिट

चीन को लेकर भारत की बड़ी तैयारी

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नई दिल्ली : भारत का पाकिस्तान और चीन के साथ लगातार सीमा विवाद चल रहा है । फिलहाल चीन के साथ डोकलाम विवाद सुलझाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए भारत और चीन के सेनाओं के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी हैं। इसी के साथ चीन के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी निगरानी बढ़ा रहा है।

48 घंटे तक में मिशन को देगा अंजाम
पूर्वी लद्दाख सेक्टर और सिक्किम के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में चीनी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उन्नत निगरानी क्षमताओं और लंबे समय तक टिके रहने वाले नए ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं। यह ड्रोन लगातार 48 घंटे तक उड़कर मिशन को अंजाम देने में सक्षम हैं।

चीन पर निगरानी के लिए किया गया तैनात
रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के अनूसार पूर्वी लद्दाख सेक्टर और सिक्किम के साथ-साथ इसके आसपास के क्षेत्रों में चीनी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उन्नत निगरानी क्षमताओं और लंबे समय तक टिके रहने वाले नए ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं। ड्रोन की एक स्क्वाड्रन पूर्वी लद्दाख सेक्टर के करीब और दूसरी पूर्व में चिकन नेक सेक्टर के करीब तैनात किये जाने की योजना है। भारतीय सेना ने इन ड्रोन को उपग्रह संचार के साथ लिंक किया है और इनके सेंसर कहीं अधिक उन्नत हैं।

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भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र तक एलएसी के पार चीनी सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है। 2020 में गलवान घाटी के हिंसक संघर्ष के बाद भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीनियों के मुकाबले लगातार अपनी क्षमताओं को कई गुना बढ़ा लिया है। नए ड्रोन यूनिट की तैनाती भारतीय सेना की इसी रणनीति का हिस्सा भी है। इसके अलावा भारत महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीता पर भी काम कर रहा है, जिसके तहत सुरक्षा बल इजरायली मूल के हेरोन के अपने मौजूदा बेड़े को बेहतर संचार सुविधाओं और मिसाइलों के साथ अपग्रेड करना चाहते हैं।