रामनवमी पर हिंसा मामले की एनआईए करेगी जांच

सुप्रीम कोर्ट में बंगाल सरकार की अपील रद्द

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कोलकाता / नई दिल्ली : रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान  बंगाल में हुई हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बंगाल सरकार को फिलहाल राहत नहीं मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार किया है।  सुप्रीम कोर्ट इस मामले की ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सुनवाई करेगा।

बंगाल सरकार ने कहा कि एक प्राथमिकी के आधार पर कि बम फेंका गया था, मामला एनआईए के पास नहीं भेजा जा सकता। बंगाल सरकार ने कहा एक प्राथमिकी की जांच एनआईए द्वारा की जाए और अन्य पांच प्राथमिकियां राज्य पुलिस को करने दें। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि जांच एनआईए के पास नहीं भेजने का राज्य सरकार का इतिहास रहा है।

बता दें, पिछले  27 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल के हावड़ा जिले के शिवपुर, हुगली जिले के रिसड़ा और उत्तर दिनाजपुर के डालखोला में हिंसा की जांच एनआईए को सौंप दी थी।

नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की जनहित याचिका के आधार पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और न्यायाधीश हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि राज्य को अगले 2 सप्ताह के भीतर सभी प्रासंगिक दस्तावेज एनआईए को सौंपने चाहिए। लेकिन बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दाखिल की उसे शीर्ष अदालत ने रद्द कर दी। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई जून में ग्रीष्मावकाश के बाद होगी।