निक्की यादव हत्याकांड के आरोपी साहिल की पुलिस रिमांड बढ़ी

साहिल ने हत्या की योजना को अंजाम दिया और उसी दिन अन्य सह-आरोपियों को इसके बारे में सूचित किया और फिर वे सभी शादी समारोह में हिस्सा लेने पहुंच गए।

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नई दिल्ली । निक्की यादव मर्डर केस (Nikki Yadav Murder Case) में कोर्ट ने आरोपी साहिल गहलोत की पुलिस रिमांड दो दिन के लिए बढ़ा दी है, हालांकि पुलिस ने तीन दिन की रिमांड की मांग की थी।

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वहीं निक्की हत्याकांड मामले में बाकी 5 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इससे पहले निक्की हत्याकांड में क्राइम ब्रांच ने साहिल समेत सभी छह आरोपियों को द्वारका कोर्ट में पेश किया।

गौरतलब है कि निक्की यादव का शव 14 फरवरी को दिल्ली के बाहरी इलाके मित्रांव गांव में साहिल गहलोत (sahil Gahlot) के ढाबे के फ्रिज में मिला था। साहिल ने 9 फरवरी को निक्की की हत्या करने के बाद और उसी दिन दूसरी शादी कर ली थी। पुलिस ने निक्की से छुटकारा पाने और दूसरी लड़की से शादी करने की साजिश रचने के आरोप में साहिल के पिता, उसके दो चचेरे भाई आशीष और नवीन और दो दोस्तों अमर और लोकेश को भी गिरफ्तार किया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार मुख्य आरोपी साहिल गहलोत से पुलिस हिरासत के दौरान लंबी पूछताछ की गई और खुलासा किया कि निक्की उसे किसी और से शादी करने से मना कर रही थी, क्योंकि वे पहले ही 2020 में शादी कर चुके थे। अधिकारी ने कहा वह नौ फरवरी को साहिल से शादी नहीं करने की गुहार लगा रही थी, हालांकि साहिल ने अपने पिता, दो चचेरे भाइयों और दो दोस्तों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची और मृतक को अपने रास्ते से हटाने की योजना बनाई।

अधिकारी ने बताया कि साहिल ने हत्या की योजना को अंजाम दिया और उसी दिन अन्य सह-आरोपियों को इसके बारे में सूचित किया और फिर वे सभी शादी समारोह में हिस्सा लेने पहुंच गए। इस मामले में पुलिस ने एक और खुलासा किया था। पुलिस ने बताया कि साहिल के पिता वीरेंद्र सिंह कथित तौर पर 25 साल पहले एक हत्या के मामले में शामिल थे।

सूत्रों ने दावा किया कि आपराधिक रिकॉर्ड की जांच और पूछताछ के दौरान यह पाया गया कि 1997 में एक भूमि विवाद में वीरेंद्र सिंह को एक व्यक्ति की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शख्स ने गंभीर चोटों के चलते दम तोड़ दिया था। सूत्रों ने कहा वीरेंद्र को सत्र न्यायालय ने 2001 में दोषी ठहराया था, लेकिन बाद में उसने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की और उसे बरी कर दिया गया।