दिल्ली : लोकसभा में महिला आरक्षण बिल 2023 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने जातीय जनगणना और ओबीसी वर्ग की महिलाओं को आरक्षण दिए जाने का मुद्दा उठाया. सोनिया गांधी ने ये कहा कि कांग्रेस बिल का समर्थन करती है लेकिन सरकार बताए कि ये कब तक लागू होगा.
हमारी मांग है कि ये बिल फौरन लागू हो. वहीं झारखंड के गोड्डा से भाजपा के निशिकांत दुबे ने सोनिया की मांग और वार पर चुन-चुनकर प्रहार किए. निशिकांत दुबे ने कहा कि अगर ओबीसी को आरक्षण देना था तो निकाय और पंचायत चुनाव में क्यों नहीं दिया. ये देश संविधान से चलता है.
संविधान के आर्टिकल 243 डी और टी में कहीं भी ओबीसी की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि आपने पंचायत में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की. आपने तब उसमें ओबीसी के लिए रिजर्वेशन क्यों नहीं दिया? निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जब हम बिल लेकर आये हैं तो इनके पेट में दर्द क्यों हो रहा है.
प्रधानमंत्री ने महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश करते हुए इसका नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम बताया. इस बिल की खासियत यह है कि इसके समर्थन में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल हैं. इस बिल के पास होने में तो कोई दिक्कत नजर नहीं आ रही, लेकिन लागू होने में कई रोड़े हैं.
उन्होंने कहा कि जो जीता है वही सिकंदर. यहां पश्चिम बंगाल के लोग बैठे हैं, जो गोल मारता है क्रेडिट उसी को जाती है और यहां प्रधानमंत्रीजी गोल मारने को को तैयार बैठे हैं. निशिकांत ने विपक्षी गठबंधन पर भी तंज किया और उसे घमंडिया बताते हुए महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किए जाते समय 2011 में हुई घटना का जिक्र करते हुए भी सोनिया गांधी पर निशाना साधा.
ये भी पढ़ें : बिहार : समस्तीपुर में पोते की Love Marriage की सजा 70 साल की दादी को मिली