कोलकाताः निताई हत्याकांड मामले में 8 साल बाद चंडीचरण मंडल को जमानत मिली है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को चंडीचरण को जमानत दे दी। इस मामले में फुल्लरा मंडल को पहले ही जमानत मिल चुकी है। फुल्लरा को मिली जमानत को आधार बनाकर चंडीचरण ने अदालत में जमानत के लिए अर्जी दी थी। उसी अर्जी पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने चंडीचरण की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
आपको बता दें कि वर्ष 2014 सीआईडी ने चंडीचरण को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उसने कोर्ट में जमानत के लिए कई बार अर्जी दी थी लेकिन कोर्ट ने उसकी जमानत नामंजूर कर दी। आखिरकार चंडीचरण को जमानत मिल गई।
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गौरतलब है कि 7 जनवरी, 2011 को लालगढ़ के निताई गांव में गोली चलने की घटना हुई थी। सीपीएम कार्यकर्ता रथीन दंडपाट के घर से कथित तौर पर ग्रामीणों पर गोलियां चलाई गईं थी। घटना में 4 महिलाओं समेत 9 ग्रामीणों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा भी, 28 लोग घायल भी हुए थे। इस घटना में सीपीएम को आरोपी बनाया गया था। सीआईडी ने पहले मामले की जांच शुरू की। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।
जांचकर्ताओं ने उस घटना में सीपीएम के तत्कालीन बिनपुर क्षेत्रीय सचिव अनुज पांडे सहित 20 सीपीएम नेता और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में नेताई गांव निवासी फुल्लरा भी शामिल था। घटना के समय वह सीपीएम की पश्चिम मेदिनीपुर जिला कमेटी का सदस्य था। उसे सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अगस्त में जमानत दी थी।
दूसरी ओर, चंडीचरण एक निजी स्कूल में रात्रि प्रहरी और केयरटेकर के रूप में कार्यरत था। उसे 2014 में गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों के मुताबिक चंडीचरण बांकुड़ा, काकद्वीप, नामखाना, बक्खाली, कल्याणी, बेलघड़िया समेत कई जगहों पर छिपा हुआ था।