नितिन देव महाराज ने भागवत कथा श्रवण की महिमा का किया बखान

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सूत्रकार, शिखा झा

मसलिया (दुमका) : मसलिया प्रखंड के ग्राम पंचायत सांपचला मां राज राजेश्वरी मंदिर के प्रांगण में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ की दूसरी रात वृंदावन से आए कथाव्यास नितिन देव महाराज ने भागवत कथा श्रवण की महिमा का बखान किया। कहा कि कोई भी आत्मा पाप नहीं कर सकती। यदि सात दिन तक पश्चाताप करके सच्चे मन से भागवत कथा का श्रवण किया जाए तो समस्त पाप कट जाते हैं। भागवत कथा का श्रवण अनेक जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। जिससे अज्ञान का नाश होता है और ज्ञान का उदय होता है। आज विवेक धीरे-धीरे हमसे दूर होता जा रहा है, इसका मुख्य कारण यह है कि हम सत्संग से दूर होते जा रहे हैं। विवेक विहीन मनुष्य पशु के समान है। इसलिए हर व्यक्ति को सत्संग करना चाहिए और संतों की संगति रखनी चाहिए। इसके बाद, कथाव्यास ने धुंधकारी और गोकर्ण, आत्माराम और धुंधलीवाई के पुत्रों की कहानी सुनाई। जिसमें कहा गया था कि माता-पिता के गुणों से बच्चों की स्थिति बदल जाती है।

 

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यदि पिता अच्छे कर्मों में लगा हुआ है और माँ अच्छे चरित्र वाली है, तो निश्चित रूप से उसका बेटा और बेटी अच्छे चरित्र वाले होंगे। आगे चलकर धुंधकारी की बदनामी हुई लेकिन ईश्वर की कृपा से वह बच गया। कथा के संबंध में कहा गया कि जो यज्ञोपवीत के संस्कारों से संस्कारित हैं, जो ब्राह्मण हैं और जो गुरु की परंपरा का पालन कर रहे हैं, वे ही व्यास पीठ से कथा करवा सकते हैं। किसी दूसरे के मुख से कथा नहीं सुननी चाहिए, ऐसे लोगों के मुख से कथा सुनने से भागवत का लाभ नहीं होता है। यदि भागवत कथा सुनने की इच्छा जाग्रत हो तो ऐसे कथावाचकों का भी चयन करना चाहिए। आजकल अनेक युवतियां व्यास मंच पर बैठकर कथा कह रही हैं। जिनका यज्ञ कर्म नहीं होता वह मंच पर नहीं बैठ सकते। व्यास पीठ पर महिलाओं का बैठना वर्जित है।आगे भगवान कृष्ण के मधुर भजन गाए गए जिससे पूरा पंडाल काला पड़ गया। शाम साढ़े छह बजे से ही कथा सुनने के लिए सांपचला सहित दर्जनों गांवों से लोग पहुंच रहे हैं. आगामी कथा 27 मार्च तक चलेगी।