राहुल के नहीं पीएम मोदी के कार्यक्रम में जायेंगे नीतीश

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पटना: पूरे बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट बदलने को तैयार नजर आ रही है। पीएम मोदी के एक चाल से जेडीयू और आरजेडी के बीच जो खाई बढ़ रही थी उस खाई को और गहरा कर दिया है। इसी के साथ महागठबंधन का भविष्य भी अंधेरे में चला गया है। अब इसी क्रम में खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राहुल गांधी के बिहार में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने से इंकार कर दिया है जबकि वे फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में बेतिया आ रहे प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होंगे।
बिहार सरकार में वित्त सह संसदीय कार्य मंत्री और नीतीश के सबसे करीबी मंत्री विजय चौधरी ने गुरुवार को कहा कि ये जरूरी नहीं कि दूसरी पार्टी के कार्यक्रम में नीतीश कुमार शामिल हों। क्या दूसरी पार्टी के नेता जदयू के कार्यक्रम में शामिल होते हैं। इसका मतलब साफ है कि नीतीश कुमार राहुल गांधी की सभा और यात्रा में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। हालांकि, नीतीश कुमार ने चार फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला कर लिया है।

 

वहीं बिहार की राजनीति की बात करें तो आज का दिन पूरी तरह से उथल-पूथल भरा रहा है। केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर गुरुवार दोपहर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी दिल्ली रवाना हो गए। प्रदेश भाजपा कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व का फोन आया और उन्हें तुरंत दिल्ली आने को कहा गया। इसके बाद वे दिल्ली के लिए निकल गए। आज शाम ही वे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं से मिल सकते हैं। सम्राट चौधरी जिस फ्लाइट से दिल्ली जा रहे हैं उसी फ्लाइट से जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी भी दिल्ली जा रहे है। दोनों दलों के दो बड़े नेताओं के एक साथ दिल्ली जाने को बड़ा सियासी घटनाक्रम माना जा रहा है।

 

इस सियासी उथल-पुथल के बीच सूत्र बताते हैं कि गुरुवार को पीएम मोदी और बिहार के सीएम नीतीश की फोन पर बातचीत हुई। नीतीश कुमार ने भूतपूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। इसके पहले नीतीश कुमार ने पटना में एक रैली में भी पीएम मोदी को धन्यवाद कहा था।

 

उल्लेखनीय है कि 2022 के अगस्त में भाजपा से नाता तोड़ कर राजद के साथ जाने के बाद नीतीश कुमार लगातार नरेन्द्र मोदी और अमित शाह से परहेज करते रहे हैं। वे प्रधानमंत्री द्वारा बुलायी गयी कई बैठकों में शामिल नहीं हुए। अमित शाह का सामना करने से भी नीतीश बचते रहे। हालांकि, पिछले वर्ष 10 दिसंबर को जब पटना में पूर्वी क्षेत्रीय बैठक हुई तो उसमें नीतीश कुमार अमित शाह के साथ दिखे थे लेकिन नीतीश पहली दफे चार फरवरी को प्रधानमंत्री के साथ दिखेंगे।