कोलकाता, सूत्रकारः बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन छोड़ने और राज्य में बीजेपी के साथ फिर से जुड़ने की अफवाहों के बीच तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नीतीश कुमार के बाहर निकलने से विपक्षी गठबंधन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों की नजर में अपनी विश्वसनीयता खो दी है। अगर वह इस्तीफा देते हैं तो तेजस्वी यादव के लिए बिहार में सुचारू रूप से काम करना आसान हो जाएगा।
गठबंधन से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकीं प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गणतंत्र दिवस के दिन केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि केंद्र राज्य की सभी बकाया राशि का भुगतान कर दे। ममता ने सात दिनों का समय देते हुए कहा कि इस समय सीमा के भीतर अगर केंद्र सरकार फंड रिलीज नहीं करती है तो टीएमसी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर देगी।
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने फंड जारी नहीं किया तो टीएमसी पार्टी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर देगी। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के पास पश्चिम बंगाल की बड़ी धनराशि बकाया है। केंद्र पर बंगाल राज्य का मनरेगा के तहत 6,900 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 9,330 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 830 करोड़ रुपये, पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत 770 करोड़ रुपये और स्वच्छ भारत मिशन के तहत 350 करोड़ रुपये बकाया है। इसके अलावा कुछ अन्य योजनाओं के बकाये का भुगतान केंद्र सरकार ने अभी तक नहीं किया है।
मुख्यमंत्री की बातों से साफ है कि पार्टी फरवरी की शुरुआत से बकाया वसूली की मांग को लेकर बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है। मुख्यमंत्री से पूछा गया कि 28 जनवरी के दिन ममता और राहुल गांधी एक ही समय में उत्तर बंगाल में रह रहे हैं। क्या कोई मीटिंग होगी। इस सवाल के जवाब में ममता बनर्जी ने कहा कि मेरा कार्यक्रम पहले से ही तय है। साथ में चाय पीयेंगे। इससे ज्यादा कुछ नहीं। तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी यह तय है।
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने लंबित केंद्रीय निधि के मुद्दे पर पीएम से चर्चा की थी। बैठक के बाद टीएमसी प्रमुख ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव दिया है कि राज्य और केंद्र के अधिकारी साथ में बैठकर कर इन मुद्दों को सुलझा सकते हैं। बता दें कि राज्य में भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में केंद्रीय एजेंसियां ईडी और सीबीआई की छापेमारी और धरपकड़ को लेकर भी सीएम ममता लगातार हमलावर रही हैं।