पटना। बिहार में जहरीली शराब पीने से 50 से ज्यादा लोगों की जान गई है। इस घटना के बाद से ही विधानसभा में बीजेपी लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर है। इस बीच अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा। शराब पियोगे तो मरोगे। सीएम कुमार के मुआवजे न देने की बात सुनकर राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
#WATCH | "No compensation will be given to people who died after drinking…We have been appealing- if you drink, you will die…those who talk in favour of drinking will not bring any good to you…", said CM Nitish Kumar in assembly earlier today.
(Source: Bihar Assembly) pic.twitter.com/zquukNtRIA
— ANI (@ANI) December 16, 2022
यह भी पढ़े : गिरता रुपया, गिरती साख
नीतीश कुमार ने एक बार फिर से कहा है कि शराब पियोगे तो मरोगे। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं। दूसरे राज्यों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही हैं। बीजेपी ने शराबबंदी का समर्थन किया था।
इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि किसी भी धर्म में शराब पीना अच्छी बात नहीं है। सीएम कुमार ने कहा कि राज्य में गरीबों के उत्थान के लिए काम हो रहा है। पहले गरीब आदमी दारू पीकर आकर घऱ में हिंसा करता था, लेकिन शराब बंद होने के बाद ये सब बहुत कम हो गया है। उन्होंने कहा कि हम गरीबों को काम करने के लिए एक लाख रुपये दे रहे हैं कि भाई अपना काम करो, लेकिन लोग शराब पी रहे हैं। नीतीश ने कहा कि हम गरीबों के लिए काफी काम कर रहे हैं। शराबबंदी कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन फालतू की बातें हो रही हैं।
बता दें कि इससे पहले 14 दिसंबर को विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुस्सा आ गया था और वह बीजेपी पर आगबबूला हो गए थे। नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप सभी पहले शराबबंदी के पक्ष में थे। अब क्या हो गया है?
इसके बाद बीजेपी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। बीजेपी के विधायकों ने सदन के बाहर कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं बीजेपी का कहना है कि जब तक नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का माइक सदन में बंद करने के मामले में सीएम नीतीश कुमार माफी नहीं मांगते, हम सदन नहीं चलने देंगे। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा, नशाबंदी को लागू करने के तरीके को और बेहतर करने की जरूरत है। इसे सख्ती से लागू करने के साथ-साथ दंड देने के तरीके को भी बदलने की जरूरत है।
बीजेपी के साथ-साथ इससे उनके साथी रहे प्रशांत किशोर ने भी नीतीश पर हमला बोला। पीके ने भी 48 घंटे के भीतर शराबबंदी कानून को रद्द करने की मांग की। उन्होंने बिहार सरकार के साथ महागठबंधन नेताओं पर भी हमला बोला। पीके ने नीतीश के अलावा तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार के करीब रहने वाले लोग ही शराब पीते हैं। अब देखना है कि ये मुद्दा और कितना तुल पकड़ता है।