मां के शव को कंधे पर लाद मीलों चलता रहा बेटा

एक बार फिर सरकारी सेवा पर उठी उंगली

140

जलपाईगुड़ीः जिले में गुरुवार को एक दर्दनाक घटना घटी। एक मजबूर बेटे की मजबूरी को दूर करने के लिए भले ही कोई आगे नहीं आया लेकिन उसकी दयनीय हालत को दिखाने के लिए उसका वीडियो और उसको अपने कैमरे में कैद करने के लिए लोग जरुर आगे आए।

एक दिहाड़ी मजदूर की मां की मौत हो गयी और उसके पास इतने पैसे नहीं थे, जिसके कारण वह अपनी मां के शव को शव वाहन की सहायता से श्मशान ले जाए।

शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस वालों ने करीब 3 हजार रुपये की मांग की थी। दिहाड़ी मजदूर की कमाई मां के इलाज और खाने में खर्च हो गई थी। इसलिए एंबुलेंस को देने के लिए पैसे नहीं थे, तो विवश बेटा अपनी मां की लाश को कंधे पर चादर में बांधकर 50 किलोमीटर दूर श्मशान की ओर चल पड़ा। गरीब बूढ़ा पिता बेटे के साथ चलता रहा।

इसे भी पढ़ें सीएम ममता बनर्जी बोलीं, बिहार में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव और बदनाम हुआ बंगाल

यह तस्वीर सामने आने के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क सेवा का प्रावधान है।

उसके बाद भी उस दिहाड़ी मजदूर को एंबुलेंस सेवा क्यों नहीं दी गयी। उससे इतने रुपये की मांग क्यों की गयी। इस घटना ने एक बार फिर स्वास्थ्य परिसेवा को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

 क्या है घटनाः

गुरुवार को जलपाईगुड़ी जिले के क्रानी प्रखंड निवासी लक्ष्मीरानी दीवान की मौत हो गयी थी। उन्हें बुधवार को जलपाईगुड़ी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इस घटना के बाद परिजनों का दावा है कि स्थानीय एंबुलेंस को शव ले जाने के लिए 3 हजार रुपये की मांग की गयी, लेकिन उनके पास इतनी राशि नहीं थी कि वे एंबुलेंस की रकम का भुगतान कर सके।

उसके बाद बेटा और पति मृतिका के पार्थिव शरीर को कंधे पर लादकर श्मशान पहुंचाने का रास्ता चुना।

बेटा शव को ले जाते समय थोड़ा हांफ रहा था तो कभी रास्ते में रखकर सुस्ता रहा था। कुछ लोग तो उसका वीडियो भी बना रहे थे।

अंत में खबर स्वयंसेवी संस्था तक पहुंची। मामले में स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि आगे आए। शव को श्मशान घाट पहुंचाने की व्यवस्था की गई और अंतिम संस्कार में भी मदद की गयी।