अब ठंडी ‘दही’ ने गर्म की देश की राजनीति

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने साधा निशाना

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नई दिल्ली : दही जो पेट को ठंडा करने के काम में आता है आज वो देश का राजनीति पारा बढ़ा रहा है। दही को लेकर केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार आपस में भीड़ गए हैं। दरअसल, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की ओर से दही का नाम बदलने का निर्देश दिया गया था। जिसके बाद तमिलनाडु में हिंदी थोपने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस पूरे मामले पर बयान देते हुए कहा है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को देश के दक्षिणी हिस्सों से ”निर्वासित” किया जाएगा। उन्होंने लिखा है कि ‘हिंदी थोपने की बेशर्म जिद दही के एक पैकेट पर भी हिंदी में लेबल लगाने के लिए निर्देशित करने की हद तक आ गई है, हमारे अपने राज्यों में तमिल और कन्नड़ को हटा दिया गया है। हमारी मातृभाषाओं की इस तरह की अवहेलना यह सुनिश्चित करेगी कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दक्षिण भारत से हमेशा के लिए निर्वासित कर दिया जाए।


आपको बताते चलें कि ये पूरा बवाल FSSAI के एक निर्देश को लेकर है। ‘FSSAI के निर्देश देते हुए कहा कि ‘कर्ड’ (Curd) या ‘तायिर’ (तमिल) को अब ‘दही’ (हिंदी) के रूप में लेबल किया जाएगा यानी दही के पैकेट पर ‘दही’ लिखा जाएगा। तमिलनाडु के दुग्ध उत्पादन संघ आविन ने कहा कि वह अपने पैकेट पर हिंदी शब्द ‘दही’ के बजाय तमिल शब्द ‘तायिर’ का ही इस्तेमाल करेगा।

दक्षिण के राज्यों में विरोध होने के बाद एफएसएसएआई ने गुरुवार (30 मार्च) को दही शब्द के उपयोग को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए। अब एफएसएसएआई ने एक अधिसूचना जारी कर दही के पैकेट पर क्षेत्रीय नामों के उपयोग की अनुमति दी है।