लखनऊः उत्तर प्रदेश में कुछ दिन पहले सामूहिक विवाह ने बखेड़ा खड़ा कर दिया था। जनपद बलिया में 25 जनवरी को हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में अपात्रों को लाभ दिए जाने के मामले को समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री असीम अरुण ने गंभीरता से लिया है। समाज कल्याण निदेशक ने जांच के बाद आरोपित सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) सुनील कुमार यादव को बुधवार को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही आरोपित अधिकारी सहित सभी आठ अपात्र लाभार्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में आरोपित सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) सुनील कुमार यादव ने ग्राम पंचायत मानिकपुर से आर्चना, रंजना, सुमन को शामिल करवाया। इसी तरह ग्राम पंचायत सुल्तानपुर से प्रियंका, सोनम, पूजा, सन्जू और रमिता का भी विवाह 25 जनवरी को संपन्न हुआ। इन सभी का सत्यापन आरोपी अधिकारी सुनील कुमार द्वारा किया गया था। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि संजू का विवाह तीन वर्ष पहले जबकि पूजा का विवाह एक वर्ष पूर्व हो चूका है। इसके अतिरिक्त अर्चना, रंजना, सुमन, रमिता और प्रियंका का विवाह वर्ष 2023 में हो चुका है।
जांच में सामने आया कि सोनम का अभी विवाह तय ही नहीं हुआ है। इसके बावजूद उसे लाभार्थी के रूप में शामिल कर लिया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर हुई जांच में इसका खुलासा होने के बाद सभी नौ आरोपितों के खिलाफ 30 जनवरी को सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी है। समाज कल्याण विभाग के मंत्री असीम अरुण ने प्रशासनिक जांच और एफआईआर की जांच दोनों में त्वरित कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।