बंगालः डेंगू से फिर गयी एक की जान, सरकार अलर्ट

हुगली में डेंगू से अब तक नौ लोगों की मौत

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कोलकाताः पश्चिम बंगाल में डेंगू का कहर जारी है।  हुगली जिले में डेंगू से शुक्रवार की रात को फिर एक जान चली गयी। सरकार ने डेंगू को लेकर जागरूकता अभियान शुरू किया है।

हुगली अस्पताल में डेंगू से एक बच्ची की मौत हो गई। उसकी पहचान कायनात परवीन (15) है।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार वैद्यबाटी नगरपालिका के वार्ड नंबर 23 की रहने वाली थी। कायनात पिछले कुछ दिनों से बुखार से पीड़ित थी।
शुक्रवार दोपहर बच्ची को श्रीरामपुर वॉल्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।  इलाज के दौरान रात में उसकी मौत हो गई।

इस बीच, कोलकाता नगर निगम के मेयर और शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में विधाननगर में जागरूकता कैंपेन चलाया गया।

दूसरी ओर, बच्ची की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने नगर पालिका के खिलाफ रोष जताया।
शहर के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए।  वैद्यबाटी के स्थानीय लोगों ने मच्छर नियंत्रण में नगरपालिका की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
उक्त बच्ची के चाचा संजू हुसैन ने कहा कि लड़की कई दिनों से बुखार से पीड़ित थी।डॉक्टर द्वारा दवाएं भी लिखी जा रही थीं। रक्त परीक्षण भी किए गए।
शुक्रवार को रिपोर्ट लाते समय मैंने अपनी बेटी को भर्ती कराया। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसी रात उसकी मृत्यु हो गई।

डेंगू को लेकर भाजपा और टीएमसी में घमासान

डेंगू को लेकर तृणमूल और बीजेपी के बीच सियासी घमासान शुरू हो चुका है। भाजपा संगठनात्मक जिला सदस्य स्नेहांशु मोहंतार ने आरोप लगाया कि वैद्यबाटी के साथ-साथ राज्य भर में डेंगू के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। वैद्यबाटी नगर पालिका द्वारा स्वच्छता बनाए रखने के लिए लगभग कुछ भी नहीं किया जाता है। मच्छरों को मारने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तेल भी अच्छी गुणवत्ता का नहीं होता है।
उन्होंने दावा किया कि ब्लीचिंग में भी चूने का इस्तेमाल किया जा रहा है। भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए वैद्यबाटी नगर पालिका के अध्यक्ष पिंटू महतो ने कहा कि क्षेत्र की ठीक से सफाई की जा रही है और मच्छर मारने वाले तेल का छिड़काव किया जा रहा है।
लोगों को जानकारी नहीं है। जब स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर सर्वे करते हैं, तो बुखार होने पर लोग छिप जाते हैं। स्वास्थ्य कर्मियों ने भी घर का दौरा किया, लेकिन कहा गया कि बुखार ठीक हो गया है।  यदि लोग बीमारी को छिपाकर प्रशासन को सूचना नहीं देते हैं, तो सभी प्रकार के उपचार उपलब्ध हैं।

गौरतलब है कि, पिछले बुधवार को उत्तरपाड़ा के एक वृद्ध की डेंगू से मौत हो गई। इस बार वैद्यबाटी में भी बच्ची की मौत हो गई। हुगली में डेंगू से अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में डेंगू के मामलों की संख्या भी छह हजार को पार कर गई है, जबकि पूरे राज्य में यह आंकड़ा 50 हजार से भी पार कर गया है।