सिमडेगा : खतियानी जोहार यात्रा के तहत सिमडेगा पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि खतियानी यात्रा यह बताने के लिए है कि झारखंड वासियों को बिना संघर्ष किये कुछ नहीं मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि झारखंड बनने में कई साल लग गए, कइयों ने इसके लिए शहादत दी है।
लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 के बाद आदिवासियों ने अपना मुख्यमंत्री बनाकर साबित कर दिया है कि यहाँ के लोग सरकार बना भी सकते हैं और चला भी सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड काल हमारे लिए एक बड़ी चुनौती बनकर हमारे सामने आया। संकट की इस घड़ी में सरकार ने कोरोना काल में भी पूरी संवेदनशीलता के साथ काम किया। लाखों मजदूरों को ट्रेन,हवाई जहाज से उनके घर तक लाया गया।
हेमंत ने कहा कि पिछले बीस सालों में राज्य में केवल मजदूर ही पैदा हुए। सरकारों ने इसकी चिंता नहीं की। आज जब हमने काम करना शुरु किया तो विपक्ष के पेट में दर्द शुरु हो गया। आज सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सभी पंचायत में पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनकर उसका निवारण कर रही।
पिछली सरकार पर हमला बोलते हुए सीएम ने कहा कि पिछली सरकार ने 11 लाख राशन कार्डों को कर दिया था। आज हमारी सरकार ने राशन कार्डों के 20 लाख आवेदन को स्वीकार किया है। मुख्यमंत्री ने लोगों आह्वान करते हुए कहा कि आप अपने बच्चों को गाय-बकरी के लिए मत भेजिए, उन्हें डॉक्टर, इंजीनियर, वीडीओ, सीओ बनाने के लिए पढ़ाने के लिए भेजिए।
कोर्ट से नियोजन नीति रद्द होने पर सोरेन ने बाहरी पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी-बिहार के लोग कोर्ट में जाकर नियोजन नीति को रद्द करा दिया है। उन्होंने सिमडेगा का भी उदाहरण देते हुए कहा की आज सिमडेगा क्षेत्र में आदिवासी नहीं मिलेंगे। बाहरी लोगों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा वे अभी शहर पर कब्जा किए हैं, बाद में गांव में भी कब्ज़ा कर लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा की जब वे आदिवासी व मूलवासी की बात करते हैं तो केंद्र की सरकार उनके पीछे जांच एजेंसियो को लगा देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खिलाड़ियों और खेल को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से गुजराती गुजरात, बंगाली बंगाल, ओड़िशा को ओड़िया चलाते हैं तो झारखंड भी झारखंडी ही चलाएंगे।
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