देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में अंग प्रत्यारोपण की सुविधा जल्दः बघेल

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नई दिल्ली : देश में अंग प्रत्यारोपण के लिए जल्द ही सभी मेडिकल कॉलेजों में सुविधाएं विकसित की जाएंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रो. एसपी बघेल ने आज ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर उन्होंने देश में अंग प्रत्यारोपण के लिए समाज में जागरुकता फैलाने का कार्यक्रम शुरू किया है। सबसे पहले उन्होंने स्वयं और अपने परिवार के हर सदस्य से अंगदान के लिए शपथ पत्र भरवाया है। आज आगरा के कुतुब मीनार बाजार में आम लोगों को भी अंग दान की शपथ दिलवाएंगे। बघेल ने एक मीडिया रिपोर्ट्स में बताया देश में अंगदान के लिए लोगों में जागरुकता कम है। हालांकि कानूनन 18 साल की उम्र के बाद कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से अंगदान कर सकता है, या अपनी मृत्यु के बाद देह दान की स्वीकृति दे सकता है, लेकिन देश में जागरुकता के अभाव में अंगदान आम तौर पर कम ही लोग करते हैं। बघेल ने कहा कि एक व्यक्ति अपनी मौत के बाद आठ लोगों को जीवनदान दे सकता है। दिल को छोड़ कर लगभग सभी प्रमुख अंगों का प्रत्यारोपण भारत में हो सकता है।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ में दो बार अंगदान के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए कह चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के इस आह्वान से प्रेरणा लेकर अंगदान को सामाजिक मुहिम की तरह चलाने का फैसला किया है। प्रारंभ आगरा से भले ही हुआ है लेकिन उनकी कोशिश इसे देशव्यापी बनाने की होगी। इस काम में वह विभिन्न संस्थाओं और संस्थानों का भी सहयोग लेंगे। इस सवाल पर कि अंग प्रत्यारोपण के लिए उच्चकोटि की सुविधाओं वाले अस्पताल और विशेषज्ञ डॉक्टरों को जरूरत होगी? इस पर स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज योजना के तहत पूरे देश में एक बड़ा हेल्थ इंफ्रॉस्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। पुराने मेडिकल कॉलेजों को भी 400 से 500 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। बघेल ने कहा कि देश में हर साल लगभग डेढ़ लाख मौतें केवल दुर्घटना से होती हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय का हिस्सा होने के नाते उनकी कोशिश होगी कि वह सभी राज्यों में लोगों को जागरूक कर दुर्घटना में काल कलवित लोगों के अंगदान के लिए उनके परिवारों को राजी करें। मंत्री बघेल ने कहा कि मरणोपरांत अंगदान करने वालों के परिवार को सार्वजनिक रूप से सम्मानित करने की परंपरा की शुरुआत आगरा से कर रहे हैं।