मिशन लाइफ (लाइफ स्टाइल फॉर इनवायरमेंट) तहत उन्मुखीकरण कार्यशाला का किया गया आयोजन

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चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय शहर स्थित जिला परिषद कार्यालय के सभागार में उप विकास आयुक्त संदीप बख्शी की अध्यक्षता में मिशन लाइफ (लाइफ स्टाइल फॉर इनवायरमेंट) तहत उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान मिशन से संबंधित परिचय प्रदान करते हुए बताया गया कि उक्त अभियान को देश के प्रधानमंत्री द्वारा ग्लासगो में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया है। जिसके तहत पर्यावरण की सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्रवाई को बढ़वा देने के लिए भारत के नेतृत्व में वैश्विक जन आंदोलन प्रारंभ हुआ है। जिसके तहत प्राकृतिक के लिए लाभदायक जीवन शैली की परिकल्पना, विनाशकारी उपभोग के बजाय “सचेत और सोच-समझकर उपयोग” पर ध्यान तथा व्यक्तिगत और सामुदायिक व्यवहार को बदलकर वर्तमान जलवायु संकट के प्रभाव को दूर करने सहित कई अहम बिंदुओं को सन्निहित किया गया है। मिशन लाइफ के तीन चरण हैं:-

 

1. मांग में बदलाव- दुनिया भर के लोगों को दैनिक जीवन प्रभावी पर्यावरण-अनुकूल कार्यों का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करना।

2. आपूर्ति में बदलाव- व्यक्तिगत मांग में बदलाव से उद्योगों द्वारा धीरे-धीरे संशोधित मांग के अनुसार आपूर्ति करना।

3. नीति में बदलाव बड़े पैमाने पर औद्योगिक और सरकारी नीतियों में बदलाव को गति देना है जिससे पर्यावरण-अनुकूल उपभोग और उत्पादन हो।

 

कार्यशाला के दौरान मिशन लाइफ से संबंधित पृष्ठभूमि को साझा करते हुए बताया गया कि भारतीय संस्कृति और परंपराएं, स्वाभाविक रूप से प्रकृति के लिए लाभदायक है। देश के प्राचीन शास्त्रों में हमारे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और प्राकृतिक के साथ सद्भाव से रहने के महत्व पर बल दिया गया है। प्राचीन ज्ञान से सीख लेकर हम सभी को प्राकृतिक के साथ समन्वय के संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने तथा सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन के वैश्विक जन आंदोलन में व्यक्तियों और समुदायों के प्रयासों को प्रेरित करने हेतु कृत संकल्पित रहना है। लाइफ मिशन के उद्देश्य में 2023 से 2028 के बीच कम से कम एक अरब भारतीयों और वैश्विक नागरिकों को जुटाना, भारत में 80% गांव और शहरी क्षेत्रों को 2028 तक पर्यावरण के अनुकूल बनाना तथा 7 विषयों जैसे-

 

ऊर्जा की बचत, ★ पानी की बचत, ★ सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग ना करें, ★ ई-कचरा कम करें, ★ स्थाई खाद्य प्रणालियां, ★ कचरा प्रबंधन व ★ स्वस्थ जीवन शैली अंतर्गत 75 व्यक्तिगत जीवन क्रियाओं की पहचान से पर्यावरण संवर्धन निहित है.

 

कार्यशाला के दौरान हरित एवं स्वस्थ पर्यावरण के लिए शपथ भी लिया गया, जो निम्न है:-

मैं हमारे ग्रह और आने वाली पीढ़ियों की बेहतरी के लिए हरित पर्यावरण को बनाए रखने और बढ़ावा देने की प्रतिज्ञा करता हूँ। मैं अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और संरक्षण प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण पर मानवीय गतिविधियों के प्रभाव को कम करने की तत्काल आवश्यकता को पहचानता हूं, इसलिए मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि

1. मैं उचित कचरा प्रबंधन सुनिश्चित करूंगा। मैं कचरा का जिम्मेदारीपूर्वक निपटाने के लिए सूखे और गीले कचरे को अलग करुंगा। कचरे का पुनर्चक्रण और कम्पोस्टिंग को बढ़ावा दूंगा।
2. मैं सिंगल यूज पलास्टिक की खपत को कम करने के लिए सचेत प्रयास करूंगा और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करूंगा। मैं प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए पुनः उपयोग में लाये जाने वाले कपड़े, कागज के थैले, पानी की बोतलें और बर्त्तन आदि का इस्तेमाल करूंगा।
3. मैं अपनी दैनिक गतिविधियों में जल संरक्षण का प्रयास करूंगा। मैं जल उपकरणों में लीक को तुरंत निस्तारण करूंगा, नहाते समय एवं अन्य दैनिक कार्यों में जल का उपयोग सावधानी पूर्वक करूंगा और जरूरत नही होने पर नल को बंद रखने जैसे जल संरक्षण के उपायों का अनुसरण करुंगा।
4. मैं जल संग्रहण के तकनीक को अमल में लाकर घर से बाहर निकलने वाले अपशिष्ट जल का सोख्ता गढ्ढा बनाकर जल संरक्षण करूंगा। मैं वर्षा जल को एकत्र करके और विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका पुनः उपयोग करके, भूजल पुनःर्भरण में योगदान दूंगा, साथ ही जल के लिए बाह्य स्त्रोतों पर निर्भरता को भी कम करूंगा।
5. मैं जैविक खेती के तरीकों को अपनाकर रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता को कम करने का संकल्प लेता हूँ। मैं मिट्टी के स्वास्थ्य और जैब विविधता को प्राथमिकता देने वाली टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाऊंगा।
6. मैं कम बिजली खपत वाले उपकरणों का उपयोग कर अपनी बिजली खपत को कम करूंगा, उपयोग में न होने पर रोशनी और बिजली से चलने वाले उपकरणों को बंद कर यथासंभव प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करूंगा। साथ ही अपने उर्जा की आवश्यकता की पूर्ति के लिए सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय विकल्पों का पता लगाऊंगा।
7. मैं पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्पों जैसे- पैदल चलना, साइकिल चलना या जब भी संभव हो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर अपने वातावरण में वायु प्रदूषण को कम करने में सहयोग करूंगा।
8. मैं वृक्षारोपण, वन संरक्षण एवं वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लूंगा और हरित स्थानों के निर्माण एवं रखरखाव में सहयोग करुंगा। मैं हवा को शुद्ध करने, मिट्टी के कटाव को रोकन और वन्य जीवन के लिए आवास प्रदान करने में पेड़ों के महत्व को समझता हूं।
9. मैं संकल्प लेता हूं कि मैं खुद को और दूसरों को पर्यावरण के मुद्दों और हमारे पृथ्वी पर उनके प्रभाव के बारे में शिक्षित करूंगा और स्वस्थ एवं हरित पर्यावरण के लिए जागरूकता फैलाने के प्रयासों में सक्रिय रहूंगा। हम सब साथ मिलकर अपनी भावी पीढ़ियों के लिए पृथ्वी की सुरक्षा और प्रदूषण मुक्त आनंद भरे जीवन की संभावनाएं सुनिश्चित कर सकते हैं।