पलामू का पीटीआर का जयगीर पहाड़ बेटे-बेटियों की शादी के लिए बना अभिशाप

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पलामू : पलामू टाइगर रिजर्व झारखंड का इकलौता बाघ आरक्ष्य है, जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। लेकिन वनों से अच्छादित इस क्षेत्र में कई ऐसे गांव हैं, जो किसी अभिशाप की तरह हैं। पहाड़ी क्षेत्र जयगीर पहाड़ की कुछ ऐसी की स्थिति है। पलामू टाइगर रिजर्व के गारू पूर्वी रेंज में यह स्थित है। यहां पर 17 घर है। यहां विरजया, उरांव, लोहरा समुदाय के लोग रहते हैं। इनकी कुल आबादी 55 है। यहां यह वर्षों से रहते आ रहे हैं। जयगीर पहाड़ के रहने वालों की एक अजीबो गरीब परेशानी है। परेशानी है ना वर मिलता है ना वधू। कोई भी लड़की वाले अपनी लड़की को पहाड़ पर रहने वाले किसी लड़के से शादी कराना नहीं चाहते हैं।

लड़की वालों को कहना है कि उनकी लड़की इस तरह के पहाड़ी जीवन की आदि नहीं है, उसे दिक्कत आएगी और इसी वजह से लड़की वाले जयगीर पहाड़ के लड़के से शादी से मना कर देते हैं। ठीक इसी तरह की बात जयगीर पहाड़ पर रह रहे शादी योग्य लड़कों की है। लड़की खोजते हैं पर उन्हें प्लेन भूमि पर ऐसा परिवार नहीं मिलता। इस पहाड़ पर रहने वाले सुरेंद्र उरांव ( 27) से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसी साल उसकी छोटी बहन मीना कुमारी की शादी की बातचीत गारू के दीपक उरांव से चल रही थी।

दीपक उरांव के परिवार ने यह कहते हुए शादी से मना कर दिया कि उनका लड़का पहाड़ी जीवन नहीं बिताएगा। सुरेंद्र उरांव ने कहा कि वह बहुत परेशान है अपनी बहन के रिश्ते को ढूंढने के लिए। उन्हें इस बात की चिंता है कि उनका जयगीर पहाड़ पर रहना, उनकी बहन की शादी की बातचीत में एक बाधक बन रहा है। धानु लोहरा ( 27) ने कहा कि उनके जयगीर पहाड़ पर पीने के पानी की किल्लत रहती है। वह कहते हैं बाराती को कुछ मिले या ना मिले पर पीने का पानी तो मिलना ही चाहिए।

वह बहुत अफसोस के साथ कहते हैं वे लोग एक नारकीय जीवन जी रहे हैं जयगीर पहाड़ पर। प्रेमचंद्र बृजया ( 45) जयगीर पहाड़ के एक दूसरे निवासी हैं। उन्होंने बताया कि शादी ब्याह की बात तो दूर हमें अपने त्योहार कर्मा, सरहुल मनाने में भी बहुत तकलीफ होती है। परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पलामू टाइगर रिजर्व दक्षिणी प्रमंडल के उप निदेशक कुमार आशीष ने बताया कि जयगीर पहाड़ के निवासी स्वयं यहां से हटना चाहते हैं। यह लोग अपने पुनर्वास के लिए किसी समतल जमीन की मांग करते हैं, जो सड़क के किनारे हो।

आशीष ने बताया कि जयगीर पहाड़ के निवासियों को ग्रामसभा करनी होगी, जिसमें उन्हें एक मत से अपने पुनर्वास की बात को कहनी होगी। यह ग्राम सभा का निर्णय होगा, जो एक मत का होना जरूरी है। कुमार आशीष ने यह भी कहा जो लोग स्वेच्छा से ग्राम सभा के अनुमोदन के बाद जयगीर पहाड़ छोड़कर दूसरी जगह बसना चाहते हैं उन्हें पलामू टाइगर रिजर्व से अलग बसाया जाएगा।