पूर्णियाः बिहार में चालिस लोकसभा की सीटे हैं लेकिन पूर्णिया सीट की चर्चा सबसे ज्यादा है। हो भी क्यों न क्योंकि इसी एक सीट को पप्पू यादव ने अपने साख का सवाल बना लिया है। इसी सीट को आरेजडी ने भी साख बना लिया और सीट शेयरिंग का फैसला हुए बिना ही महागठबंधन से उम्मीदवारी की घोषणा कर दी और इसे अपने हिस्से में ले लिया। पप्पू यादव इमोशन अपील की, खूब चीखे लेकिन फायदा हुआ कुछ नहीं। कांग्रेस पार्टी ने भी नए-नए आए नेता के लिए अपने सबसे पुराने और भरोसेमंद गठबंधन साथी को खोना नहीं चाहती है, इसलिए उन्होंने भी पप्पू यादव के पक्ष में ज्यादा कुछ नहीं कहा। अंत में आकर में पप्पू यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। और आज इसी क्रम में उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया। एक विशाल रोड शो करते हुए वे नामांकन दाखिल करने पहुंचे।
#WATCH बिहार: पूर्णिया लोकसभा से निर्दलीय नामांकन भरने के बाद पप्पू यादव ने कहा, “कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है, निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा…बहुत सारे लोगों ने हमारी राजनीतिक हत्या करने की साजिश की। हमेशा से पूर्णया की जनता ने पप्पू यादव को जात-पात से ऊपर रखा है…सबकी एक ही आवाज… pic.twitter.com/9H2dRDL6dC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 4, 2024
नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा कि पूर्णिया लोकसभा से निर्दलीय नामांकन भरने के बाद पप्पू यादव ने कहा, “कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है, निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा…बहुत सारे लोगों ने हमारी राजनीतिक हत्या करने की साजिश की। हमेशा से पूर्णया की जनता ने पप्पू यादव को जात-पात से ऊपर रखा है…सबकी एक ही आवाज है पप्पू और पूर्णिया…मैं INDIA गठबंधन को मजबूत करूंगा, मेरा संकल्प राहुल गांधी हैं…”
पप्पू यादव के कहा कि पूर्णिया से गरीबी मिटाना, हर परिवार के बच्चों की खुश रखने का मेरा संकल्प है। हर परिवार के लिए जीने और कोसी-सीमांचल को बिहार में नंबर बनाने का मेरा लक्ष्य है। हर तरह के भ्रष्टचार को मिटाना मेरा लक्ष्य है। पप्पू यादव ने कहा कि मुझे जनता का आशीर्वाद मिल चुका है। बिना नाम लिए लालू-तेजस्वी पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि जिस किसी ने मेरे पॉलिटिकल डेथ की कोशिश की। और जिसने परिवार के पीछे नफरत दिखाया। मुझे समझ नहीं आया कि यह कैसी नफरत थी? कांग्रेस के उम्मीदवार के जिताने के लिए मेरे उम्मीदवार हर परिस्थिति काम करेंगे। पूर्णिया बिहार में जातीय उन्माद और नफरत को खत्म करेगा। चार जून के बाद पूर्णिया को दुनिया के मानचित्र पर लाना मेरा।