Parakram Diwas 2023: अंडमान और निकोबार के 21 अनाम द्वीपों को मिली ‘परमवीर’ पहचान
पीएम ने नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का किया अनावरण
नई दिल्लीः नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अंडमान और निकोबार के 21 बड़े द्वीपों का नामकरण किया। अब से इन द्वीपों को परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा।
पीएम मोदी ने इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में भाग लिया। वहीं, 126वीं जयंती पर आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह पोर्ट ब्लेयर पहुंचे।
Naming of 21 islands of Andaman & Nicobar Islands after Param Vir Chakra awardees fills heart of every Indian with pride. https://t.co/tKPawExxMT
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2023
पीएम मोदी ने अंडमान और निकोबार के 21 बड़े द्वीपों का नामकरण को उद्घाटन करने के बाद देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा, इन 21 द्वीपों को अब परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से जाना जाएगा।
आज के इस दिन को आजादी के अमृत काल के एक महतपूर्ण अध्याय के रूप में आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी। हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये द्वीप एक चिरंतर प्रेरणा का स्थल बनेंगे। मैं सभी को इसके लिए बहुत बहुत बधाई देता हूं।
पीएम ने कहा, अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। सेल्यूलर जेल की कोठरियों से आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर सुनाई पड़ते हैं।
उन्होंने कहा, आजादी के बाद नेताजी को भुलाने की कोशिश की गई। ये स्मारक आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है। दरअसल, नेताजी की जयंती के उपलक्ष्य में 23 जनवरी का दिन ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
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इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुख, अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल देवेंद्र कुमार जोशी सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे देश की पहले की सरकारों में, खासकर विकृत, वैचारिक राजनीति के कारण दशकों से जो आत्मविश्वास की कमी और हीनभावना रही, उसके कारण देश के सामर्थ्य को हमेशा कम आंका गया।
पीएम मोदी ने कहा, चाहे हमारे हिमालयी राज्य हों, विशेषकर पूर्वोत्तर के राज्य हों या फिर अंडमान निकोबार जैसे समुद्री द्वीप क्षेत्र इन्हें लेकर यह सोच रहती थी कि ये तो दूरदराज के दुर्गम और अप्रासंगिक इलाके हैं। और इसी सोच के कारण ऐसे क्षेत्रों की दशकों तक उपेक्षा हुई। उनके विकास को नजरअंदाज किया गया। अण्डमान निकोबार द्वीप समूह इसका भी साक्षी रहा है।
पीएम ने सिंगापुर, मालदीव और सेशेल्स का उदाहरण देते हुए कहा कि अपने संसाधनों के सही इस्तेमाल से ये देश और द्वीपीय क्षेत्र पर्यटन के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं और आज पूरी दुनिया से लोग इन देशों में पर्यटन के लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा ही सामर्थ्य भारत के द्वीपों के पास भी है जो दुनिया को बहुत कुछ दे सकते हैं। उन्होंने कहा, लेकिन कभी पहले ध्यान ही नहीं दिया गया। हालात तो यह थे कि हमारे यहां कितने द्वीप हैं, कितनी टापू हैं, इसका हिसाब किताब तक नहीं रखा गया।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले लोग अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने यहां आते थे लेकिन आज लोग यहां इतिहास को जानने और जीने के लिए भी पहुंच रहे हैं।
उन्होंने कहा, यहां के द्वीप हमारी समृद्ध आदिवासी परंपरा की धरती भी रहे हैं। अपनी विरासत पर गर्व की भावना, इस परंपरा के लिए भी आकर्षण पैदा कर रही है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े स्मारक और अन्य प्रेरणा स्थल देशवासियों में यहां आने के लिए उत्सुकता पैदा करते हैं। आने वाले समय में यहां पर्यटन के और असीम अवसर पैदा होंगे।
दूसरी ओर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में तिरंगा फहराया।
इस दौरान गृह मंत्री ने कहा, आज का दिन भारतीय सेना के तीनों अंगों के लिए महत्वपूर्ण दिन है। आज प्रधानमंत्री की ये पहल कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों को हमारे 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम के साथ जोड़कर उनकी स्मृति को चीरंजीव करने का प्रयास किया गया है।
गृह मंत्री ने कहा, जब देश की आजादी आगे बढ़ी और देश को नेताजी ने आजाद हिंद फौज के प्रयास से आजाद कराने का प्रयास किया तब भी इसी हिस्से को देश में सबसे पहले स्वतंत्रता प्राप्त करने का सम्मान मिला और नेताजी के हाथ से इसी द्वीप पर अपना तिरंगा पहली बार लहराया गया।
आज प्रधानमंत्री @narendramodi जी ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों को परम वीर चक्र से सम्मानित 21 जवानों का नाम दिया।
यह हमारे देश के बहादुर जवानों के शौर्य को चिरकाल तक जीवित रखने का अत्यंत सराहनीय प्रयास है। इसके लिए मैं मोदी जी का हृदय से धन्यवाद करता हूँ। pic.twitter.com/wu78eFHgcj
— Amit Shah (@AmitShah) January 23, 2023
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, द्वीपों का यह नामकरण राष्ट्रम की सम्प्रपभुता और अखण्डनता की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले नायकों को श्रद्धांजलि के तौर पर किया जा रहा है।
अण्ड्मान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृणति में वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने रॉस द्वीप का नामकरण नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के तौर पर किया था। इसी प्रकार नील द्वीप का नाम बदलकर शहीद द्वीप और हेवलॉक द्वीप का नाम स्वथराज द्वीप किया गया था।