इंदौर में आया पारसनाथ का मामला

जैन समाज की चिंता से सहमत है विहिप

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रांची : शाश्वत सिद्ध क्षेत्र पारसनाथ पर्वत और तीर्थराज सम्मेद शिखर की पवित्रता की रक्षार्थ जैन समाज की चिंता से विश्व हिंदू परिषद सहमत है।

इसके लिए जैन समाज द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का विश्व हिंदू परिषद ने समर्थन किया है और इंदौर में चल रहे केंद्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक में भी इस विषय को रखा गया है।

इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि विहिप भारत के सभी तीर्थ स्थलों की पवित्रता की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध व प्रयासरत है।

हमारा यह स्पष्ट मत है कि देश के किसी भी तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इस बात के निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि प्रत्येक राज्य सरकार और केंद्र सरकार स्वतंत्र तीर्थाटन मंत्रालय बनाएं, जो अनुयायियों की श्रद्धा और आस्था के अनुरूप ही तीर्थ स्थलों का विकास करें।

विहिप ने झारखंड सरकार से मांग की है कि संपूर्ण सिद्ध क्षेत्र पारसनाथ पर्वत को पवित्र क्षेत्र घोषित किया जाए। वहां ऐसी कोई गतिविधि न हो जिससे जैन आस्थाओं को आघात पहुंचे। इस तीर्थ क्षेत्र की सीमा में मांसाहार व नशाखोरी को किसी भी तरह अनुमति नहीं दी जाए।

झारखंड में अविलंब तीर्थाटन मंत्रालय की स्थापना की जाए जिससे सिद्ध क्षेत्र पारसनाथ पर्वत के साथ-साथ वहां के सभी तीर्थ स्थलों का विकास अनुयायियों की श्रद्धा के अनुसार ही हो।

पारसनाथ पर्वत व तीर्थराज सम्मेद शिखर को कभी भी पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित न किया जा सके, इसके लिए तत्सम्बन्धी अधिसूचनाओं में आवश्यक संशोधन किया जाए।

 

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