नई दिल्ली : नए वर्ष का जनवरी महीना खत्म होने वाला है। इस महीने के बाद लगभग सभी राज्यों के बोर्ड के परीक्षाओं की शुरूआत हो जाएगी । इसी को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्येक वर्ष छात्रों से बात करते हैं । गुरूवार को प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों संग परीक्षा पे चर्चा की । यह कार्यक्रम दो घंटे से ज्यादा चली। इस दौरान पीएम मोदी ने ‘एग्जाम में परिवार की निराशा से कैसे निपटूं’ पर छात्रों को सुझाव दिया।
#WATCH | PM Narendra Modi speaks on the issue of 'cheating' in examinations during 'Pariksha Pe Charcha' 2023 pic.twitter.com/5rsqxph6gJ
— ANI (@ANI) January 27, 2023
छात्रों ने पीएम मोदी से किया सवाल
इस दौरान छात्रों ने पीएम मोदी से कई सवाल भी पूछे । एक छात्र ने एग्जाम में दबाव पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘परिवार के दबाव से दबाव में ना आएं। कभी क्रिकेट देखने गए होंगे, तो कुछ बैट्समैन आते हैं तो पूरा स्टेडियम चिल्लाना शुरू करता है- चौका-चौका, छक्का-छक्का। क्या वो ऑडियंस की डिमांड के ऊपर चौके-छक्के लगाता है? चिल्लाते रहें, बैट्समैन का ध्यान बॉल पर ही होता है। बॉलर के माइंड को स्टडी करने की कोशिश करता है। जैसी बॉल है वैसा ही खेलता है। फोकस रहता है।’
वहीं छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘हमारे देश में अब गैजेट-उपयोगकर्ता के लिए औसतन छह घंटे का स्क्रीन-टाइम है। यह निश्चित रूप से उस समय और ऊर्जा की मात्रा को दर्शाता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अर्थहीन और उत्पादकता के बिना निकाल दी जाती है। यह गहरी चिंता का विषय है और लोगों की रचनात्मकता के लिए खतरा है’।
आलोचना पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘कभी कभी होता है कि आलोचना करने वाला कौन है ये महत्वपूर्ण होता है। जो अपना है वे कहता है तो आप उसे सकारात्मक लेते हैं लेकिन जो आपको पसंद नहीं है वे कहता है तो आपको गुस्सा आता है। आलोचना करने वाले आदतन करते रहते हैं तो उसे एक बक्से में डाल दीजिए क्योंकि उनका इरादा कुछ और है’।
People in India spend an average of 6 hours on screen. This is a matter of concern. Why be a slave of gadgets when God has given us an independent existence and individuality with immense potential?: PM Modi to students in 'Pariksha Pe Charcha'
— ANI (@ANI) January 27, 2023
देश की आर्थिक हालात पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज दुनिया में आर्थिक तुलनात्मक में भारत को एक आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है। 2-3 साल पहले हमारी सरकार के विषय में लिखा जाता था कि इनके पास कोई अर्थशास्त्री नहीं है सब सामान्य हैं,PM को अर्थशास्त्र के बारे में कुछ नहीं पता। जिस देश को सामान्य कहा जाता था वे आज चमक रहा है’।
There is a very thin line between criticism and obstruction. Parents must criticise in a constructive, positive way: PM Modi during 'Pariksha Pe Charcha' 2023 pic.twitter.com/mecNyljn3w
— ANI (@ANI) January 27, 2023
इसके आगे उन्होंने कहा कि ‘एक बार आपने इस बात को स्वीकार कर लिया कि मेरी ये क्षमता है ये स्थिति है तो मुझे इसके अनुकूल चीजें खोजनी होगी। ज्यादातर लोग सामान्य होते हैं, असाधारण लोग बहुत कम होते हैं। सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं और जब सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं तब वे ऊंचाई पर जाते हैं’।