इस राज्यों के लोग सबसे ज्यादा खाते हैं नॉनवेज

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नई दिल्ली/कोलकाता ः मध्य प्रदेश के नए नवेले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सीएम पद की शपथ लेते ही एक काम सबसे पहले किया और वो काम था खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगा दी। उसके पहले जयपुर में बीजेपी के विधायक ने भी खुले में मांस बेच रहे लोगों को धमकी दे दी थी। उसके बाद से ये सवाल उठने लगे थे की क्या बीजेपी मांस बिक्री पर रोक लगाने वाली है। क्या केंद्र सरकार भी ऐसा ही करेगी और इसी के साथ शाकाहार और मांसाहार की बहस भी शुरू हुई। तो चलिए में आपको बताते हैं कि कौन-कौन से राज्यों में कितने प्रतिशत लोग मांसाहार और क्या कभी संभव है की देश में मांस की बिक्री बंद हो जाय।

सरकारी आंकड़ों की बात करें तो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे में बताया गया है कि 16 राज्यों में लगभग 90 प्रतिशत लोग मीट मछली या चिकन खाते हैं. वहीं चार राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में यह आंकड़ा 75-90 प्रतिशत तक है. सर्वे के मुताबिक पांच राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में 50 से 75 प्रतिशत लोग नॉनवेज खाते हैं. राज्यों की अगर बात करें तो पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 99.3 फीसदी लोग मांसाहारी हैं. वहीं इसके बाद नागालैंड 99.08 % तेलंगाना में 97.3% लोग मांसाहारी है.

पश्चिम बंगाल – 99.3% 
नागालैंड- 99.08 
तेलंगाना – 97.3%
आंध्र प्रदेश – 97.3%
तमिलनाडु – 97.7%
ओडिशा – 96.4%
केरल – 98.1%
झारखंड – 95.3%
असल – 78.6
बिहार – 90%
कर्नाटक – 83%
दिल्ली – 81 %
उत्तर प्रदेश – 55% 
मध्य प्रदेश – 51%
महाराष्ट्र – 59% 
राजस्थान – 26.8 %
गुजरात – 39.9 
गोवा – 30 % 
इस सर्वे के नतीजो में बताया गया था कि करीब 92 फीसदी जैन समुदाय के लोगों ने ये माना कि वो नॉनवेज नहीं खाते हैं और पूरी तरह शाकाहारी है. वहीं सिर्फ 8 फीसदी मुस्लिम ऐसे थे, जिन्होंने कहा कि वो नॉनवेज नहीं खाते हैं. क्रिश्चियन समुदाय के 10 फीसदी लोग ही वेजिटेरियन हैं. सर्वे के मुताबिक हिंदू समुदाय में शामिल अलग-अलग जातियों के लोगों में 44 फीसदी लोग शाकाहारी हैं और बाकी के 56 फीसदी नॉनवेजिटेरियन की कैटेगरी में आते हैं.

एक बात तो साफ है कि अगर भारतीय जनता पार्टी बंगाल सहित दक्षिण भारत में अपना पैठ जमाना चाहती है तो अपने इस रवैये को बदलना पड़ेगा क्योंकि दक्षिण भारत और बंगाल शुरूआत के उन दस राज्यों में शामिल है जहां पर सबसे ज्यादा नॉनवेज खाया जाता है। और ये आने वाले चुनाव में बड़ा मुद्दा विपक्ष बना सकता है।