बेहाला सड़क हादसे को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

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कोलकाता: बेहाला चौरास्ता पर दर्दनाक सड़क दुर्घटना में स्कूली छात्र की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। यातायात नियंत्रण और पैदल यात्रियों की सुरक्षा में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है। वहीं अब सौर्निल की मौत का मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। उस घटना को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर किया गया है। बताया जा रहा है कि मुकुल विश्वास नाम के वकील ने जनहित याचिका दायर की है। उनकी दलील है कि कोर्ट पूरे राज्य के सभी स्कूलों के सामने ट्रैफिक सिग्नल का सही तरीके से पालन सुनिश्चित करने के लिए जरूरी निर्देश जारी करे।

वादी वकील की याचिका पर कोर्ट को स्कूल में प्रवेश और निकास के दौरान स्कूल के सामने वाली सड़क पर उचित दिशा-निर्देश को लेकर भी आवश्यक आदेश देने चाहिए। उनका आगे अनुरोध है कि कोर्ट हर स्कूल के सामने सड़क पर धीरे-धीरे गाड़ी चलाने के लिए तीन भाषाओं में साइनबोर्ड लिखने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करे। जानकारी के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की खंडपीठ इस जनहित मामले की सुनवाई इसी सप्ताह कर सकती है।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार सुबह बेहाला चौरास्ते पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे में सोर्निल (8) की मौके पर ही मौत हो गयी थी। सौर्निल के पिता सरोज सरकार का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि सरोज के दोनों पैर टूट गये हैं। जिसके बाद डायमंड हार्बर रोड के बेहाला चौराहे पर शुक्रवार सुबह से ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था। स्कूल के सामने उन्होंने यातायात नियंत्रण में घोर अनियमितता का आरोप लगाते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी चिंता व्यक्त की थी। विधानसभा सत्र में भी इस पर चर्चा हुई।