पीएम मोदी ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर आयोजित समारोह का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि जिस पवित्र धरती पर महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने जन्म लिया।

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नई दिल्ली। महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि जिस पवित्र धरती पर महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने जन्म लिया, उस धरती पर मुझे भी जन्म लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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पीएम मोदी ने कहा कि ‘उस मिट्टी से मिले संस्कार, उस मिट्टी से मिली प्रेरणा, मुझे भी महर्षि दयानंद सरस्वती के आदर्शों के प्रति आकर्षित करती रहती है। मैं स्वामी दयानंद जी के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे इतिहास और परम्पराओं को दूषित करने का प्रयास किया गया है। उसी समय महर्षि दयानंद जी के प्रयास समाज में संजीवनी के रूप में प्रकट हुए और उसका कायाकल्प किया। आज देश पूरे गर्व के साथ ‘अपनी विरासत पर गर्व’ का आह्वान कर रहा है। आज देश पूरे आत्मविश्वास के साथ कह रहा है कि हम देश में आधुनिकता लाने के साथ ही अपनी परंपराओं को भी समृद्ध करेंगे’।

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब विश्व अनेक विवादों में फंसा है। तब महर्षि दयानंद सरस्वती जी का दिखाया गया मार्ग करोड़ों लोगों में आशा का संचार करता है। पीएम मोदी ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जन्म जयंती का यह अवसर ऐतिहासिक है। यह पूरे विश्व और मानवता के भविष्य के लिए प्रेरणा का पल है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘जब महर्षि दयानंद सरस्वती जी का जन्म हुआ था तब देश सदियों के बंधनों से अपना आत्मविश्वास खो चुका था और कमजोर हो चुका था। महर्षि दयानंद जी ने आगे आकर वेदों के बोध को समाज में पुनर्जीवित किया। उन्होंने सामाजिक भेदभाव, ऊंच-नीच, छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सशक्त अभियान चलाया’।

यही नहीं पीएम मोदी ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित समारोह में लोगों को संबोधित किया। महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ था। वह एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने तत्कालीन प्रचलित सामाजिक असमानताओं का मुकाबला करने के लिए 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी।