पीएम नरेंद्र मोदी एमएसपी की कानूनी दें गारंटीः सुखपाल सिंह खैरा
भारतीय किसान कांग्रेस की जंतर मंतर पर रैली 9 दिसंबर को
नई दिल्लीः कांग्रेस की किसान इकाई के प्रमुख सुखपाल सिंह खैरा ने पीएम नरेन्द्र मोदी से मंगलवार को आग्रह किया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित किया जाए। एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए।
अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष खैरा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह भी कहा कि लखमीपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त किया जाए।
विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा, नौकरी दी जाए। उन्होंने कर्जमाफी की मांग समेत किसानों से जुड़े कई अन्य विषय भी इस पत्र में उठाए।
खैरा ने कहा कि देश के किसानों एवं खेतिहर मजदूरों की विकट समस्याओं के प्रति केंद्र सरकार की उदासीनता और अनदेखी के मद्देनजर अखिल भारतीय किसान कांग्रेस द्वारा आगामी 9 दिसंबर को जंतर मंतर पर रैली का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश भर के किसानों द्वारा चलाए गए आंदोलन को खत्म हुए लगभग एक वर्ष हो चुका है। केंद्र सरकार ने उस वक्त देश के किसानों को तीनों किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने सहित किसानों की अन्य समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था लेकिन इस बारे में केंद्र सरकार ने कोई भी कदम नहीं उठाया।
पीएम को लिखे पत्र में खैरा ने कहा कि किसान अपने उत्पाद की कानूनन न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी चाहता है। यह गारंटी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर होनी चाहिए। इससे जुड़ी केंद्र सरकार की समिति को किसान पहले ही नकार चुका है।
उन्होंने कहा कि किसानों की मांग है कि पुरानी समिति भंग की जाए। एमएसपी को कानूनन अधिकार देने के लिए नई समिति गठित की जाए। जिसमें किसानों, किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए।
खैरा ने आग्रह किया कि हमारी मांग है कि देश के किसानों और खेतिहर मजदूरों के कर्ज माफ किए जाएं ताकि किसानों को राहत प्राप्त हो सके। अगर केंद्र सरकार कारपोरेट क्षेत्र को 10 लाख करोड़ के ऋण माफ़ करके राहत दे सकती है तो देश के अन्नदाता को भी ऐसी राहत का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसान मोर्चा को लिखे एक पत्र में बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लेने का लिखित वादा किया गया था लेकिन अब केंद्र सरकार ने वही विधेयक संसद में पेश कर दिया है। यह वापस लिया जाए।
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किसान कांग्रेस के प्रमुख ने पीएम से मांग की कि लखीमपुर खीरी मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त किया जाए। कानून सम्मत कार्यवाही कर कठोर दंड दिया जाए। गिरफ्तार किए गए बेकसूर किसानों को रिहा किया जाए, किसानों पर दर्ज किए गए झूठे मुकदमे खारिज किए जाएं। केंद्र सरकार ने पीड़ित किसानों को मुआवज़ा देने का वादा किया था, उस वादे को पूरा किया जाए।
उन्होंने कहा कि किसानों की फसल को सूखा, बाढ़, तूफान, अधिक बारिश आदि प्राकृतिक आपदाओं से राहत देने के लिए सभी तरह की फसलों की कारगर बीमा योजना शुरू की जाए। उन्होंने मांग की कि सभी छोटे, लघु, मध्यम किसानों, खेतिहर मजदूरों के लिए 5 हजार रुपये हर महीना की किसान पेंशन योजना आरंभ की जाए।
खैरा ने आग्रह किया कि सभी राज्यों में किसान आंदोलनों के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे रद्द किए जाएं। किसान आंदोलनों में शहीद हुए किसानों के परिवारों को उचित मुआवजे के साथ-साथ नौकरी का प्रावधान सुनिश्चित बनाया जाए। सिंधु मोर्चा स्थल पर शहीद किसानों के सम्मान के लिए किसान शहीद स्मारक स्थापित किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के खेत में काम कर रहे मजदूरों को भी मनरेगा के अंतर्गत लाया जाए। इससे न केवल अधिक मजदूरों को रोजगार की गारंटी प्राप्त होगी बल्कि किसानों को भी कम लागत पर खेती करने का लाभ मिलेगा।