डॉक्टर शिशिर सोमवंशी के सम्मान में काव्य-गोष्ठी का आयोजन
सत्य की मशाल' मासिक पत्रिका का भी हुआ लोकार्पण
रांची: प्रयागराज से रांची पधारे पर्यावरणविद् और वरिष्ठ शायर (environmentalist and senior poet) डॉक्टर शिशिर सोमवंशी के सम्मान में काव्य-गोष्ठी का आयोजन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच ‘सृजन संसार’ के बैनर तले मेकॉन कॉलोनी स्थित जवाहरलाल नेहरू कला केंद्र श्यामली में किया गया। तत्पश्चात ‘सत्य की मशाल’ मासिक पत्रिका के ब्यूरो प्रमुख झारखंड संगीता यादव की उपस्थिति में पत्रिका का लोकार्पण किया गया। उसके बाद काव्य गोष्ठी की शुरुआत हुई।
प्रसिद्ध गजलकार रेनू त्रिवेदी मिश्रा ने अपनी गजल पढ़ते हुए कहा कि- बता अब मेरा नक्शे-फ़ानी कहाँ है जो देकर गई वो निशानी कहाँ है, डॉ. सुरिन्दर कौर नीलम ने अपनी रचना में – आने से तेरे लगा आया बसंत है, गीतों में महक उठा महुआ बेअंत है।
गुमला से आए युवा कवि बादल अग्रवाल ने -हां मैं पुरुष हूं। रचना पढ़े तो अनुराधा सिंह ने गजल- कोई सुनता ही नहीं दिल का कहा क्या बोलूं। प्रणव प्रियदर्शी ने अपनी पुस्तक अछूत नहीं हूं में से एक रचना साजिशमयी पूरी दुनिया की प्रस्तुति दिए।
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पुष्पा पांडेय ने – मुकुर निहारे दशरथ राजा। संगीता सहाय अनुभूति ने- रुकना, थकना, ठहरना इस देह के थोथे नखरे हैं। डॉक्टर शिशिर सोमवंशी ने -विरह में झुलसती धरा को पता क्या सफर मेघ का बस गगन जानता था, सुनील सिंह बादल ने-झारखंडी बालाएँ जिस दिन उसके अंदर की वह पुरानी औरत मर जाएगी उसी दिन से उसे जिंदगी मिल जाएगी।
लिली मुखर्जी ने मां शारदे की वंदना की। गुमला से प्रेम हरि ने -मैं वियोगी राम सा बनकर, सीमा सिन्हा मैत्री ने -तेरे आने से गजब की कसक देखी है। रंजना वर्मा उन्मुक्त ने- कैसी है यह डगर हमारी, विभा वर्मा वाची ने- सपनों की दुनिया जब मैं देखा तो, मुनमुन ढाली ने-मैं श्रृंगार नहीं लिखती की प्रस्तुति दी।
सुकुमार नाथ झा ने अनुशासन की सीख देती रचना प्रस्तुत की। डॉ. रजनी शर्मा ने अपनी प्रस्तुति में-आईने में खड़ा मेरा अक्स करता ये सवाल है प्रस्तुति देकर वाहवाही लूटी।
डॉ. निराला पाठक ने कविता में बचपन की बातों को याद किया। अजीत कुमार प्रसाद की रचना शानदार रही तो प्रियंका कुमारी भी खूब वाह वाही लूटीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के संरक्षक वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार सुनील सिंह बादल ने किया।
विशिष्ट अतिथि कला केंद्र की प्राचार्या लिली मुखर्जी थी। मुख्य अतिथि डॉक्टर शिशिर सोमवंशी थे। संचालन डॉक्टर रजनी शर्मा चंदा ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर सीमा सिन्हा मैत्री ने मां शारदे की वंदना से की गई।
उसके बाद सृजन संसार के अध्यक्ष सदानंद सिंह यादव ने डॉक्टर शिशिर सोमवंशी को शॉल देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में राजन तिवारी, दीपक राम,तान्या, मानस, वैभवी,राजनंदनी सहित दर्जनों श्रोता उपस्थित थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन सदानंद सिंह यादव ने किया।