बसों में लगाए जा रहे नए डिवाइस से पुलिस और परिवहन विभाग परेशान

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कोलकाता: राज्य सरकार ने यात्री सुरक्षा के लिए सभी यात्री वाणिज्यिक वाहनों में पैनिक बटन अनिवार्य कर दिया है। अगर कोई यात्री खतरे में हो और उस बटन को दबा दे तो सूचना सीधे परिवहन विभाग के कंट्रोल रूम में चली जाएगी। वहां से लालबाजार को सूचना दी जाएगी ताकि पुलिस की ओर से तुरंत कार्रवाई की जा सके। यह परियोजना तो शुरू कर दी गयी है लेकिन इसको शुरू होने से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

स्कूली बच्चों से लेकर बस यात्रियों तक जब भी इस नये उपकरण को देखते हैं तो बटन को दबा दे रहे हैं, जिसका सिग्नल कंट्रोल रूम में चला जा रहा है। लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उस कार में कोई अप्रिय घटना घटी है या नहीं! क्योंकि, परिवहन विभाग और पुलिस के अधिकारी कई बार उस गाड़ी को ट्रैक कर चुके हैं, जहां से यह पैनिक बटन दबाया गया था, लेकिन वहां सब कुछ सामान्य पाया गया। ऐसा अक्सर होता है कि किसी यात्री ने जिज्ञासावश यह बटन दबा दिया। नतीजा यह हुआ कि पुलिस के जवान बिना किसी कारण परेशान हुए। ऐसे लोगों में बस यात्रियों के साथ-साथ स्कूली छात्र भी शामिल हैं।

राज्य ने यात्री सुरक्षा के लिए सभी वाणिज्यिक वाहनों में वाहन स्थान ट्रैकिंग प्रणाली भी अनिवार्य कर दी है। वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट लेने जाते समय यह डिवाइस लगानी पड़ती है। वीएलटीएस लगाने से कंट्रोल रूम से वाहन की आवाजाही को ट्रैक किया जा सकेगा। नियमानुसार यात्री बसों, स्कूल बसों और पुल-कारों में दो मीटर के अंतराल पर एक बटन लगाना होता है। बसों में दो बटन लगाई जा रही हैं। यानी टाटा सूमो में सीट क्षमता के हिसाब से चार, कुछ बसों में सात तो कुछ में नौ, बड़ी बसों में इससे ज्यादा लगाई जा रही हैं।

परिवहन विभाग के सूत्रों की मानें तो शुरुआत में इस डिवाइस की कीमत थोड़ी ज्यादा थी। इसके चलते कार मालिक इसे नहीं लगवा रहे थे। लेकिन सरकार के हस्तक्षेप से कीमत लगभग आधी हो गयी है। धीरे-धीरे यह डिवाइस यात्री बसों और स्कूल बसों सहित सभी वाणिज्यिक वाहनों में लगाया गया है। यह एक पैनिक बटन है जिसका सिग्नल दिन में कई बार पोद्दार कोर्ट स्थित परिवहन विभाग के कंट्रोल रूम को प्राप्त हो रहा है। पुलिस और कार्यालय के अधिकारियों ने कार मालिक और चालक से फोन पर संपर्क किया तो पता चला कि किसी ने जिज्ञासावश कार में लगा बटन दबा दिया था। बताया गया है कि हर सप्ताह कम से कम पचास मामले हो रहे हैं।

ऑफिस मैनेजरों के मुताबिक लोगों में किसी भी नई चीज के प्रति दिलचस्पी या जिज्ञासा होना सामान्य बात है। पुलकार ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव सुदीप दत्ता ने कहा कि हमने पहले ही विभिन्न स्कूलों के सामने डेरा डाल दिया है। वीएलटीएस डिवाइस और पैनिक बटन वाले अभियान भी हैं। आने वाले दिनों में जागरूकता शिविर भी लगाए जाएंगे। बच्चों को बताया जाएगा कि अकारण वे बटन को न दबाएं, जरूरत पड़ने पर ही इसका उपयोग करें।