पुलिस विभाग नहीं कर रहें फर्जी FIR करने वालो पर कोई भी कार्रवाई

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हजारीबाग : जिले के बड़कागांव में कार्यपालक दंडाधिकारी कुमुज झा के आवेदन को बदलकर फर्जी कांड संख्या 135/16 दर्ज किया गया। कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद भी सरकार दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं कर रही है। जिसकी शिकायत मंटू सोनी ने मुख्य सचिव व डीजीपी से की है। शिकायत की एक कॉपी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, मानवाधिकार आयोग और केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दी गई है। रामदयाल मुंडा ने मंटू सोनी के अलावा 29 अन्य लोगों को आरोपी बनाने के लिए पद का दुरुपयोग कर कार्यपालक दंडाधिकारी कुमुद झा के हस्तलिखित आवेदन को बदलकर आपराधिक साजिश रचने का अपराध किया था।

 

जिसकी पुष्टि स्वयं अपराधी रामदयाल मुंडा ने केस डायरी के एक पैरा एक में लिखकर यह सिद्ध किया है कि उसे कुमुद झा द्वारा हस्तलिखित आवेदन प्राप्त हुआ था। जिसकी पुष्टि कुमुद झा ने कोर्ट में दिए अपने बयान में की है। एसएचओ ने अपना लिखित आवेदन बदल कर अपने मुंशी से एफआईआर टाइप करवा ली, हालांकि एफआईआर और कोर्ट में कुमुद झा के हस्ताक्षर अलग-अलग हैं। एफआईआर कॉपी में हस्ताक्षर और तारीख लिखने में अंतर कोर्ट में किए गए हस्ताक्षर और तारीख लिखने में साफ दिखाई देता है।

 

इस मामले में मंटू सोनी ने हजारीबाग सदर सीजीएम श्रीमती ऋचा श्रीवास्तव की अदालत में परिवाद संख्या 1644/22 दायर किया था। जिसके बाद परिवाद को न्यायिक दंडाधिकारी सुश्री शिवानी शर्मा की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। जिसमें तत्कालीन कार्यपालक दंडाधिकारी कुमुद झा, थानेदार रामदयाल मुंडा, अकील अहमद, इंस्पेक्टर अखिलेश सिंह, एनटीपीसी के जीएम टी गोपाल कृष्ण व अन्य को आरोपी बनाया गया है।